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    Home»Top Story»मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, बोले- बकाया राशि हमारा हक, हम लेकर रहेंगे
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    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, बोले- बकाया राशि हमारा हक, हम लेकर रहेंगे

    shivam kumarBy shivam kumarOctober 15, 2024No Comments3 Mins Read
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    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें कोयला कंपनियों से लंबित 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग की गयी है। उन्होंने कहा है कि वह राज्य के लिए स्पेशल बजट की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि उचित बकाये की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि इस लंबित रकम के कारण झारखंड के विकास को काफी क्षति हो रही है। सोरेन ने पत्र को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया है और लिखा है कि यह बकाया राशि हमारा हक है… झारखंड किसी विशेष बजट की मांग नहीं कर रहा है। हम सिर्फ अपने हक की बात कर रहे हैं जिसे हम हर हाल में लेकर रहेंगे। सीएम ने पत्र में लिखा है कि…..

    बकाया राशि का विवरण:
    कुल बकाया राशि लगभग 1,36,042 करोड़ रुपये है। इसमें शामिल हैं: वॉश्ड कोयला रॉयल्टी के रूप में 2,900 करोड़ रुपये, पर्यावरण मंजूरी सीमा के उल्लंघन के लिए 32,000 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ रुपये (38,460 करोड़ रुपये जीएम भूमि और 2,682 करोड़ रुपये जीएमएलएल भूमि के लिए)। इस पर लगी सूद की रकम 60,000 करोड़ रुपये, कुल 1,36,042 करोड़ रुपये।

    विकास पर प्रभाव:
    इस बकाया राशि के कारण, हमारे राज्य में अनेक महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, स्वच्छ पेयजल एवं मंईयां, बच्चों, युवा, वृद्ध, किसान, मजदूर, आदिवासी-मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक, विस्थापित एवं समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक योजनाओं को लागू करने में कठिनाई हो रही है। झारखंड, एक अल्प विकसित राज्य है, जो संसाधनों की कमी से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। संसाधनों की कमी को पूर्ण करने के लिए उपरोक्त राशि अत्यंत आवश्यक है।

    न्यायिक निर्णय:
    सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है। यह भी कहा गया है कि रॉयल्टी एक कर नहीं है और इसलिए इस पर कोई सीमा नहीं लगायी जा सकती।

    हमारा अनुरोध:
    मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और कोयला कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दें। जब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं हो जाता, कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना चाहिए या कोल इंडिया के खाते से राज्य के खाते में सीधे क्रेडिट किया जाना चाहिए। यह राशि झारखंड के लोगों के कल्याण और राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    समाधान का आग्रह:
    हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान किया जाये ताकि झारखंड के लोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का लाभ उठा सकें। यह न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि गरीबी उन्मूलन और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भी आवश्यक है। हम आपके सकारात्मक हस्तक्षेप और त्वरित कार्रवाई की आशा करते हैं। इसके लिए झारखंड के लोगों की ओर से, मैं आपका सदैव आभारी रहूगा।

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