रांची। करवा चौथ पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी। रात को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन करेंगी। मंदिरों सहित कई स्थानों पर महिलाएं सामूहिक पूजन करेंगी। करवा चौथ उद्यापन के आयोजन भी होंगे। रविवार को तड़के से करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाएगा। शाम 7.40 बजे चंद्रोदय का समय है। इसके बाद व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य अर्पण करेंगी और चलनी से चंद्रमा और पति को देखकर उनके ही हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ेंगी।

पंडित मनोज पांडेय ने गुरुवार को बताया कि इस बार करवा चौथ
पर शश, गजकेसरी, बुधादित्य, महालक्ष्मी और समसप्तक राजयोग बनेंगे, जो शुभ फलदायी है। करवा चौथ के दिन चंद्रमा कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे। दिन-रात वृषभ राशि में गोचर करेंगे। 20 अक्टूबर को सुबह 10.43 बजे तक तृतीया तिथि है। इसके बाद चतुर्थी तिथि का प्रवेश होगा। 21 अक्टूबर को सुबह 8.57 बजे तक चतुर्थी तिथि है। इससे पूर्व 19 अक्टूबर को सरगी होगा।

उन्होंने बताया कि करवा चौथ का व्रत सुहागिनें पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को युवतियां भी रखती हैं, जिनका विवाह तय हो जाता है। कुछ युवतियां अच्छा जीवन साथी पाने के लिए व्रत रखती हैं।

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