रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने रविवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा है कि 40 हजार के अधिक पोस्ट के साथ पूरे देश में सातवें नंबर पर ‘रद्द करें जेएसएससी- सीजीएल’ ट्रेंड कर रहा है। साथ ही लिखा है कि मुख्यमंत्री से राज्य के युवा पूछ रहे हैं कि बेरोजगारी भत्ते का क्या हुआ। पांच लाख नौकरियों का क्या हुआ। परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच का क्या हुआ।
दूसरी ओर, कोचिंग संस्थान करियर फाउंडेशन के संस्थापक प्रकाश पोद्दार ने ट्वीट कर लिखा कि जेएसएससी वाले साक्ष्य की मूल कॉपी मांगते हैं, लेकिन हमें इन पर भरोसा नहीं है। मूल साक्ष्य हम लोग कोर्ट में ही देंगे। उन्होंने झामुमो, हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी को भी टैग किया और लिखा कि यदि ये लोग मूल साक्ष्य को नष्ट कर दिये तो रिजल्ट भी दे देंगे। इसलिए कोर्ट में ही हम सबूत देंगे। ये वही शख्स हैं, जिसे आयोग के सचिव ने गड़बड़ी की प्रमाणिकता का शपथ पत्र देने के लिए अंतिम मौका दिया है। सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने पत्र लिख कर सात अक्टूबर की दोपहर तीन बजे तक का टाइम दिया है।
सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)-2023 में गड़बड़ी से संबंधित सबूतों की प्रामाणिकता संबंधी शपथ पत्र और सीडी की फ्रेश कॉपी पेश करने को लेकर शिकायतकर्ताओं को अंतिम अवसर दिया गया है। जेएसएससी ने 7 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे सभी शिकायतकर्ताओं को आयोग को समर्पित साक्ष्यों की सत्यता और प्रामाणिकता संबंधी शपथ पत्र के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता कुणाल प्रताप सिंह, प्रकाश कुमार और विनय कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि कई बार अवसर दिया गया, लेकिन आपके द्वारा समर्पित परिवाद, पेन ड्राइव और सीडी की सत्यता और प्रामाणिकता संबंधी शपथ पत्र पेश नहीं किया गया। दोबारा सीडी दी गयी लेकिन वह भी स्पष्ट नहीं थी। खाली ही रही। अभ्यर्थियों को पुन: सीडी की फ्रेश प्रति पेश करने के लिए समय दिया गया, लेकिन अब तक अप्राप्त है।
तीन सदस्यीय समिति कर रही जांच
सीजीएल परीक्षा राज्य के 823 केंद्रों पर 21 तथा 22 सितंबर को संपन्न हुई। इसमें 3,04,769 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है। परीक्षा में पेपर लीक, विभिन्न विषयों के 180 प्रश्न रिपीट करने सहित अन्य गड़बड़ियों के आरोप हैं। 22 सितंबर को परीक्षा शुरू होने के पूर्व कई अभ्यर्थियों के पास प्रश्नों के जवाब उपलब्ध होने का आरोप भी अभ्यर्थियों द्वारा लगाया गया है। 26 सितंबर को अभ्यर्थियों ने जेएसएससी को सबूत सौंपा था। इस पर आयोग द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित की थी, जो मामले की जांच कर रही है।