क्वेटा (बलूचिस्तान)। बलोचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने सात अक्टूबर को बलघाटर में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमले पर विस्तृत बयान जारी किया है। बीएलएफ प्रवक्ता मेजर घोरम बलोच ने कहा कि लड़ाकों ने बलघाटर में पाकिस्तानी सेना की चौकी पर कब्जा कर लिया। 14 सैन्यकर्मियों को मार डाला और चार को घायल कर दिया। उनके हथियार और अन्य सैन्य उपकरण छीन लिए। आजादी के इस आंदोलन में उसकी कुर्बान यूनिट के प्रमुख अब्दुल्ला दियार उर्फ सोगहत की जान चली गई।
द बलोचिस्तान पोस्ट (पश्तो भाषा) की रिपोर्ट के अनुसार, बीएलएफ प्रवक्ता मेजर घोरम बलोच ने विस्तृत बयान नौ अगस्त को जारी किया। प्रवक्ता ने बताया कि सात अक्टूबर को शाम 5:00 बजे फ्रंट ने बलघाटर क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर कब्जे वाली पाकिस्तानी सेना की एक चौकी पर हमला किया। भारी हथियारों से किया गया एक बड़ा हमला तीन घंटे से ज्यादा समय तक जारी रहा। लड़ाकों ने चौकी पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया और हथियार व अन्य सैन्य उपकरण अपने कब्जे में ले लिए। इस संगठित हमले में पाकिस्तान सेना के 14 सैनिक मारे गए और चार गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि चौकी पर कब्जे के बाद सेना के त्वरित प्रतिक्रिया बल के चार वाहनों को पंजगुर से हमला स्थल पर बलों की मदद के लिए भेजा गया।
लड़ाकों ने त्वरित प्रतिक्रिया बल पर घात लगाकर हमला कर दिया और सभी को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। लड़ाकों ने दो क्वाडकॉप्टर और एक ड्रोन कैमरा भी मार गिराया गया। प्रवक्ता ने कहा कि बलोचिस्तान में बलात कब्जा करने वाली पाकिस्तान की सेना मनोवैज्ञानिक रूप से इतनी पराजित हो चुकी है कि वह अपने मृत सैनिकों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि फ्रंट इस हमले की जिम्मेदारी को स्वीकार करता है।