पलामू। जिले के मोहम्मदगंज के भजनियां से हैदरनगर तक नई सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस सड़क में हैदरनगर और मोहम्मदगंज अंचल के हजारों रैयतों की भूमि अधिग्रहित की गई है। सरकार भूमि का मुआवजा काफी कम दे रही है। कुछ रैयतों को प्रारंभिक राशि का भुगतान भी हुआ है, जो काफी कम माना जा रहा है।
रैयतों की ओर से सेवानिवृत शिक्षक रामाशीष सिंह ने उच्च न्यायालय के तीन अधिवक्ताओं विनोद कुमार सिंह, श्याम बिहारी राय और बीएन पाठक को आमंत्रित किया है। प्रभावित रैयतों के साथ तीनों अधिवक्ताओं ने पंचायत सचिवालय हैदरनगर में शनिवार दोपहर को बैठक की।
अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सरकार अधिग्रहित भूमि का दो तरह से मुआवजा देती है। ग्रामीण इलाके की भूमि का चार गुणा और शहरी क्षेत्र की भूमि का दो गुणा मुआवजा देने का प्रावधान है। इसमें हाल में बेची गई भूमि का रेट भी देखा जाता है। उन्होंने कहा कि मुआवजा मिलने तक भूमि पर निर्माण होने से रोक लगाने के लिए कानूनी प्रक्रिया भी अपनायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जबतक भुगतान नहीं होगा, तब तक काम नहीं होने दिया जाएगा। अधिवक्ता श्याम बिहारी राय ने कहा कि अल्प राशि का भुगतान कर सरकार अपना काम करना चाहती है, यह होने नहीं दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अल्प राशि की वृद्धि के लिए रैयतों को कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय में जो भी मदद होगी, वह करने को तैयार हैं। अधिवक्ता बीएन पाठक ने कहा कि भूमि के मालिक की सहमति के बिना कोई उनकी भूमि पर निर्माण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वह रैयतों के साथ हैं। हर संभव कानूनी मदद करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता रामाशीष सिंह ने की, संचालन धीरज सिंह ने किया। बैठक में रामाधार सिंह, सज्जू खान, हक राजा, प्रमोद सिंह, राजा सिंह, रविंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, वहाब खान, नूर सईद खान के अलावा बड़ी संख्या में रैयत उपस्थित थे।