पश्चिमी सिंहभूम। पश्चिमी सिंहभूम जिला में विजयदशमी गुरुवार को पड़ने के कारण चक्रधरपुर में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शुक्रवार की देर रात तक चला। इस अवसर पर आदि दुर्गा पूजा समिति की ओर से ऐतिहासिक मशाल जुलूस के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा का भव्य विसर्जन जुलूस निकाला गया। यह परंपरा पोड़ाहाट सिंहभूम के स्वतंत्रता सेनानी राजा अर्जुन सिंह के राजकाल से निरंतर चली आ रही है और इस वर्ष इसका 113वां वर्ष रहा।

इतिहासकारों के अनुसार, सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राजा अर्जुन सिंह स्वयं इस मशाल जुलूस के विसर्जन में शामिल हुए थे। आज भी श्रद्धालु उसी परंपरा को निभाते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधों पर उठाकर नदी घाट तक ले जाते हैं। चक्रधरपुर में इस वर्ष कुल 25 लाइसेंसी पूजा पंडालों की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

विसर्जन के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। समूचा वातावरण “जय मां दुर्गा के जयघोष से गूंज उठा। प्रशासनिक दृष्टिकोण से कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा, हालांकि चक्रधरपुर थाना के पास हल्की मारपीट की घटना हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हुए और उनका उपचार अनुमंडल अस्पताल में कराया गया।

विसर्जन व्यवस्था में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिवम प्रकाश, अनुमंडल पदाधिकारी श्रुति राज लक्ष्मी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी सुरेश प्रसाद सिंहा और थाना प्रभारी अवधेश कुमार अपने दल-बल के साथ मुस्तैदी से तैनात रहे।

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