कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने आज अपने मंत्रिमंडल में पहला फेरबदल किया। इसी के साथ मंत्रिमंडल में दिसानायके सहित कुल 23 सदस्य हो गए। यह संख्या संविधान के तहत निर्धारित 25 सदस्यों की अधिकतम सीमा से अभी भी दो कम है।

डेली मिरर अखबार के अनुसार नए मंत्रियों और उप मंत्रियों को सुबह 10 बजे राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति के समक्ष शपथ दिलाई गई। दिसानायके ने सालभर पहले पहले नेशनल पीपुल्स पॉवर (एनपीपी) सरकार का गठन किया था। नए चेहरों में सुसिल रणसिंघे को आवास मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है। सबसे बड़ा बदलाव परिवहन मंत्री बिमल रत्नायके से संबंधित है। उनके बंदरगाह और नागरिक उड्डयन विभाग अब अनुरा करुणातिलका को सौंप दिए गए हैं।

इसके बदले में, करुणातिलका का शहरी विकास विभाग रत्नायके को दिया गया है। रत्नायके विवादों में तब आए, जब विपक्ष ने भ्रष्टाचार विरोधी आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि कोलंबो बंदरगाह से जनवरी में करीब 323 कंटेनरों को बिना उचित सीमा शुल्क जांच के छोड़ा गया था। हालांकि, दिसानायके और रत्नायके दोनों ने किसी भी प्रकार की अनियमितता के आरोपों से इनकार किया है। दिसानायके ने अपने 159 सदस्यीय संसदीय दल में से पांच नए चेहरों को उपमंत्री के रूप में भी शामिल किया है।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि यह फेरबदल 2026 के विकास लक्ष्यों को गति देने के लिए किया गया। प्रवक्ता के अनुसार बिमल रत्नायके को परिवहन, राजमार्ग और शहरी विकास मंत्री, अनुरा करुणाथिलका को बंदरगाह और नागरिक उड्डयन मंत्री और सुशील रणसिंघे को आवास, निर्माण और जल आपूर्ति मंत्री नियुक्त किया गया है। इसके अलावा 10 उप मंत्रियों की भी नियुक्ति की गई है। इनमें डॉ. अनिल जयंता फर्नांडो ( वित्त एवं योजना विभाग), टी.बी. सारथ (आवास, निर्माण एवं जल आपूर्ति विभाग), एम. मुनीर (धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग), एरंगा गुणसेकरा (शहरी विकास विभाग), डॉ. मुदिता हंसका विजेमुनि (स्वास्थ्य विभाग), अरविंद सेनारथ विथाराना ( भूमि एवं सिंचाई विभाग), महामहिम दिनिंदु समन कुमारा (युवा मामलों के विभाग), यूडी निशांत जयवीरा (आर्थिक विकास विभाग), डॉ. कौशल्या अरियारत्ने (जनसंचार विभाग) और एम. अरकम (ऊर्जा विभाग) हैं।

मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर इस द्विपीय देश की सत्ता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता काफी उतार-चढ़ाव के साथ तय किया है। इस उपलब्धि को हासिल करने की अपनी यात्रा में उन्होंने खुद को युवा मतदाताओं और पारंपरिक राजनेताओं की ‘भ्रष्ट राजनीति’ से थक चुके लोगों के लिए एक रहनुमा के रूप में पेश किया। प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने पिछले साल 23 सितंबर को राष्ट्रपति सचिवालय में श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में 56 वर्षीय दिसानायके को शपथ दिलाई।

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