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    Home»दुनिया»मिस्र के फिलिस्तीन शांति में दो-राज्य समाधान तर्क से सहमत नहीं ट्रंप
    दुनिया

    मिस्र के फिलिस्तीन शांति में दो-राज्य समाधान तर्क से सहमत नहीं ट्रंप

    shivam kumarBy shivam kumarOctober 14, 2025No Comments3 Mins Read
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    शर्म अल-शेख (मिस्र)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिलिस्तनी संघर्ष के समाधान में मिस्र की राय से सहमत नहीं हैं। ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन से लौटते समय पत्रकारों से बातचीत में मिस्र को राष्ट्रपति के विचार पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक पत्रकार ने ट्रंप से मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी तर्क पर पूछा था। सीसी ने कहा था कि इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में शांति का एकमात्र रास्ता दो-राज्य समाधान है। ट्रंप ने जवाब दिया, “मैं गाजा के पुनर्निर्माण का पक्षधर हूं। एकल राज्य, दो राज्य से मेरा कोई लेना देना नहीं है।”

    सीबीएस न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि बहुत से लोगों को मिस्र के राष्ट्रपति का विचार पसंद होगा। उन्होंने अभी तक इस पर सोचा नही है। उल्लेखनीय है कि हाल में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ट्रम्प ने फिलिस्तीनी राज्य के आह्वान की निंदा की है। राष्ट्रपति ट्रंप के 20-सूत्री गाजा शांति प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से फिलिस्तीनी राज्य का आह्वान नहीं किया गया है, लेकिन यह राज्य के दर्जे को “फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षा” कहता है।

    इस बीच व्हाइट हाउस ने शर्म अल-शेख सम्मेलन पर राष्ट्रपति ट्रंप, मिस्र, कतर और तुर्किये के नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक शांति घोषणापत्र जारी किया है। इस दस्तावेज में ट्रंप के गाजा में युद्ध समाप्त करने के ईमानदार प्रयासों की सराहना की गई है। फिलिस्तीनियों और इजराइलियों सहित क्षेत्र के सभी लोगों के लिए शांति, सुरक्षा, स्थिरता और अवसर का आह्वान किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि भविष्य के विवादों को बल प्रयोग या लंबे संघर्ष के बजाय कूटनीतिक बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

    खास बात यह है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की सराहना की। बाइडेन ने एक्स पर लिखा, “इस समझौते तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था। मेरे प्रशासन ने बंधकों को घर वापस लाने, फ़िलिस्तीनी नागरिकों को राहत पहुंचाने और युद्ध समाप्त करने के लिए अथक प्रयास किया। मैं राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम की इस नए युद्धविराम समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सराहना करता हूं।”

    मिस्र पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को इजराइली संसद (नेसेट) को संबोधित किया। ट्रंप को एक घंटे से अधिक लंबे भाषण के दौरान इजराइली सांसद से बार-बार खड़े होकर तालियां मिलीं। ट्रंप ने मध्य पूर्व में एक नए युग की शुरुआत और इजराइल में शांति की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि बंधकों को सोमवार तड़के गाजा स्थित रेडक्रॉस को सौंप दिया गया और फिर उन्हें इजराइल में उनके परिवारों से मिलवाया गया।

    ट्रंप ने कहा, “अंधेरे और कैद में बिताए दो कष्टदायक वर्षों के बाद 20 साहसी बंधक अपने परिवारों के बीच लौट रहे हैं। यह गौरवशाली पल है।इतने वर्षों के अनवरत युद्ध और अंतहीन खतरे के बाद आज आकाश शांत है। बंदूकें शांत हैं। सायरन शांत हैं। सूर्य एक ऐसी पवित्र भूमि पर उदय हो रहा है जो अंततः शांतिपूर्ण है। एक ऐसी भूमि और एक ऐसा क्षेत्र जो ईश्वर की इच्छा से अनंतकाल तक शांति से रहेगा।” गाजा शांति शिखर सम्मेलन भारत का प्रतिनिधित्व विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने किया। उन्होंने मध्य पूर्व में शांति के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की।

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    shivam kumar

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