नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा में सोमवार को इनकम टैक्स अमेंडमेंट बिल पेश किया है। यह नोटबंदी के फैसले के बाद भारी मात्रा में जमा हुई अएकाउंटेड मनी की जांच करने के उद्देश्य से किया गया है। यदि कोई व्यक्ति खुद अपनी छुपाई गई आय की घोषणा कर उसे जमा करता है तो उस पर 30 फीसदी टैक्स, 10 फीसदी पेनल्टी और 33 फीसदी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन यदि टैक्स अथॉरिटी की ओर से यह पता लगाया गया कि नोटबंदी के बाद जमा की गई नकदी में छुपाई गई इनकम का हिस्सा भी है तो इस पर 75 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी पेनल्टी का प्रावधान है।
अगर खुद की ब्लैकमनी की घोषणा
इस संशोधन के बाद यदि कोई व्यक्ति खुद ब्लैकमनी डिक्लेयर करता है तो उसे करीब 50 फीसदी टैक्स देना होगा। 25 फीसदी रकम चार साल के लिए फ्रीज हो जाएगी और 25 फीसदी रकम ब्लैकमनी डिक्लेयर करने वाले को मिल जाएगी। उसे ब्लैकमनी रखने के लिए मुकदमें का सामना नहीं करना पड़ेगा। खुद ब्लैकमनी डिस्क्लोज करने वाले इस मौके को सरकार ने गरीब कल्याण योजना का नाम दिया है। नोटबंदी के बाद मिलने वाली कुल रकम में से 25 फीसदी रकम का इस्तेमाल इस योजना में किया जाएगा। इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए घर, शौचालय बनाने और सिंचाई सुविधाएं विकसित करने में किया जाएगा।
अगर खुद से डिक्लेयर नहीं किया ब्लैकमनी तो?
अगर आपने खुद ब्लैकमनी का खुलासा नहीं किया और इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के सामने आप रकम को वैध साबित नहीं कर पाते हैं तो आपको रकम का करीब 90 फीसदी जुर्माना देना होगा। इसके अलावा ब्लैकमनी रखने के मामले में इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट आप पर मुकदमा भी चलाएगा।
2.5 लाख रुपए तक जमा करने वालों की भी हो सकती है जांच
यह भी अनुमान है कि 2.5 लाख रुपए तक जमा करने वालों के खाते भी सरकार जांच कर सकती है। टैक्स अधिकारी परिवार के अलग अलग सदस्यों के खाते में जमा किये गए छोटे-छोटे डिपॉजिट की भी जांच कर सकते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 2.5-2.5 लाख रुपए की राशि यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के अलग अलग सदस्यों के खाते में जमा करवाकर गलत फायदा उठाता है तो इसकी भी जांच की जाएगी।
रेवेन्यु सेक्ट्ररी हसमुख अधिया ने 10 नवंबर को यह बयान दिया था कि 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जिस खातों में 2.5 रुपए से ज्यादा जमा कराए जाएंगे उन सबकी जांच की जाएगी।