दुबई: संयुक्त अरब एमिरात में रहने वाली 16 वर्षीय भारतीय लड़की उन तीन बच्चों में शामिल है जिन्हें इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। उसे बच्चों के अधिकार और स्थिति में सुधार में विशेष भूमिका निभाने के लिए चुना गया है।
दुनिया भर से रिकॉर्ड 120 प्रविष्टयां आईं और विशेषज्ञ समिति ने यूएई से कहकशां बसु, कैमरून से डिविना मलौम और सीरिया से मुजू़न अलमिल्लहान को चुना। यह ऐलान अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार संगठन ‘किड्ज़ राइट्स’ ने वैश्विक बाल दिवस से पहले किया जो कल मनाया जाएगा।
समिति के मुताबिक, तीनों ने अनूठे और वास्तविक तरीकों से बच्चों के अधिकारों और स्थिति को सुधारा है। हर साल, पुरस्कार विजेता शख्स को दुनिया भर के लाखों लोगों के साथ अपना संदेश साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच मिलता है।
परंपरा के मुताबिक, इस साल का पुरस्कार 2006 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस द्वारा दो दिसंबर को द हेग में हॉल ऑफ नाइट्स :रीडरजाल: में दिया जाएगा। यूनुस (76) ने बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि वे न्यायपूर्ण विश्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी दुनिया को डिविना, कहकशां और मुजून जैसे युवा बदलाव लाने वालों की बेहद जरूरत है जिन्होंने अपने काम से साबित किया है बच्चे कितने शक्तिशाली हैं। वयस्कों के पास सब जवाब नहीं होते हैं। निर्णय लेने वालों को जरूर बच्चों की राय सुननी चाहिए जिनके पास दुनिया को बदलने और आगे बढ़ाने की शक्ति है।