इंदौर: देश में अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद किये जाने के बाद फैली अव्यवस्था को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं की मंडली और ‘मोदी भक्त’ प्रधानमंत्री का विरोध करने वाले लोगों को राष्ट्रविरोधी करार देने पर तुले हैं। दिग्विजय ने इंदौर प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी सरकार ने काला धन रखने वाले महज पांच प्रतिशत लोगों के खिलाफ नोटबंदी का जो वज्र अस्त्र चलाया, उससे देश के 95 प्रतिशत आम लोगों को परेशानी हो रही है। यह फैसला मोदी सरकार की असफलता दर्शाता है।’
उन्होंने नोटबंदी के संदर्भ में कहा कि अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री का विरोध करता है, तो भाजपा नेताओं की टीम और ‘मोदी भक्त’ उसे ‘राष्ट्रविरोधी’ करार देने पर तुल जाते हैं। दिग्विजय ने कहा, ‘देश में इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि अगर आप प्रधानमंत्री की तारीफ करते हैं, तो आप राष्ट्रभक्त हैं और अगर आप उनका विरोध करते हैं, तो आप राष्ट्रविरोधी हैं।’ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत भारत से बाहर धन भेजे जाने की सीमा को 75,000 डॉलर से बढ़ाकर ढाई लाख डॉलर तक पहुंचा दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस कदम से मौजूदा साल में 30,000 करोड़ डॉलर का धन देश से बाहर गया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘अगर मोदी सरकार काले धन पर ईमानदारी से अंकुश लगाना चाहती है, तो वह उन लोगों के नाम जाहिर करे जिन्होंने पिछले एक साल में एलआरएस के तहत अपना पैसा देश से बाहर भेजा है।’
दिग्विजय ने कहा कि नोटबंदी का देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और अप्रचलित मुद्रा बदलवाने के लिये आम नागरिकों को बैंकों की कतारों में घंटों खड़े रहना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के फैसले से न तो भ्रष्टाचार रकेगा, न ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा। कांग्रेस महासचिव ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘लोग अक्सर आपसी चर्चा में कहते हैं कि कांग्रेस को विरोध करना नहीं आता और भाजपा सरकार चलाना नहीं जानती।’
उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाते हुए आरोप लगाया कि देश की अलग-अलग आतंकी वारदातों में भूमिका के आरोप में पकड़े गये दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के लोगों को सजा से बचाने की कोशिश की जा रही है। दिग्विजय ने कहा, ‘मैं प्रमाण के साथ बता सकता हूं कि बचाव पक्ष के साथ अभियोजन पक्ष के वकील भी मालेगांव के दो बम धमाकों, मोडासा धमाके, हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए धमाके, अजमेर की दरगाह में हुए धमाके और समझौता एक्सप्रेस में हुए धमाकों के मामलों के आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगे हैं।’ उन्होंने एनआईए पर सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि एनआईए के मुखिया को दो-दो बार सेवा विस्तार दिया गया हो।`