रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास से सामाजिक-आर्थिक और संसदीय अध्ययन केंद्र के शिष्टमंडल ने संस्था के सचिव अयोध्या नाथ मिश्र के नेतृत्व में मंगलवार को मुलाकात की। उन्होंने झारखंड के सर्वांगीण विकास के लिए आगामी बजट 2017-18 को लेकर अंत्योदय से सर्वोदय के विकास का एजेंडा सौंपा।
शिष्टमंडल ने अपने सुझाव में मुख्यमंत्री से मांग की है कि नियोजन, सुशासन एवं क्रियान्वयन की दिशा में कारगर कदम उठाये जायें तथा बजट 2017-18 में उनके संस्थान द्वारा दिये गये सुझावों को शामिल किया जाये।
संस्था ने सौंपा 30 पेज का सुझाव और प्रस्ताव
शिष्टमंडल ने सुझाव दिया कि लोक हित की महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील योजनाओं यथा इकोलॉजी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन, उद्यमिता, उत्पादकता, देशज हुनर आदि को प्राथमिकता के तौर पर शामिल किया जाये। अपने 30 पन्नों के प्रस्ताव में संस्थान ने कहा है कि विकास की हर योजना का केंद्र बिंदु पर्यावरण संतुलन से संबंधित होना चाहिए, ताकि राज्य में विकास योजनाओं के साथ-साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
बजटीय प्रावधान में भूगर्भीय जल तथा प्राकृतिक जल स्रोतों को संरक्षित करने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास की परिकल्पना को साकार करना है तो अल्पकालीन और दीर्घकालीन कार्यक्रमों की दिशा तैयार करनी होगी। प्रतिनिधिमंडल ने जल संरक्षण, कृषि, पर्यटन, बायोटेक और हर्बल पार्क, कौशल और देशज विकास, जनजातीय क्षेत्रों का विकास, राजस्व प्रवर्द्धन एवं प्रशासन सहित अन्य क्षेत्रों के विकास पर फोकस करने का सुझाव दिया। सुझाव दिया कि विभिन्न विकास कार्यों की निगरानी में भागीदारी के रूप में लोगों की सहभागिता को बजट योजनाओं में समावेश कर सरकार समाज, उपभोक्ता और उत्पादक को ग्रोथ पार्टनर बनाये।
प्रतिनिधिमंडल में संस्था के अध्यक्ष विजय गोपाल, उपाध्यक्ष संजय खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष ओपी लाल, मीडिया प्रमुख संतोष कुमार किंड़ो, कार्यक्रम प्रभारी सदस्य एपी वर्मा, संस्था के सचिव अयोध्या नाथ मिश्र तथा संयुक्त सचिव अमर नाथ झा शामिल थे।