नयी दिल्ली: बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के विरोध में लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण इस सप्ताह आज लगातार चौथे दिन कार्यवाही बाधित रही और प्रश्नकाल नहीं चलाया जा सका। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के चलते सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन की अपनी मांग के समर्थन में शोर शराबा करने लगे। इसी बीच समाजवादी पार्टी के सदस्य अक्षय यादव ने कुछ कागज फाड़कर आसन से लगे सभापटल की ओर उछाल दिये।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बाद में सपा सदस्य अक्षय यादव को भविष्य में ऐसे आचारण के विरूद्ध चेतावनी दी। उन्होंने संसद के कामकाज एवं प्रक्रिया के नियम 349 के तहत इसे सदन की गरिमा एवं आचार के प्रतिकूल और उल्लंघन बताया और कहा कि जब सदन की बैठक चल रही हो तब कोई भी सदस्य पोडियम की ओर कागज फाड़कर नहीं उछाल सकता।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे सदन में कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग दोहरा रहे थे।
सरकार का कहना है कि उसका यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल शुरू से ही कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कार्यस्थगन के बारे में प्रश्नकाल के बाद बात करेंगे। अभी प्रश्नकाल चलने दें।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है, इस बारे में कार्यस्थगन का नोटिस स्वीकार किया जाए।