नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी संसद की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते हैं और वे नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा से भाग रहे हैं क्योंकि इस निर्णय के बाद देश का गरीब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘मसीहा’ के रूप में देख रहा है। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामे के चलते कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पहले दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने से परेशान है क्योंकि उसे सार्थक चर्चा में कोई रुचि नहीं है।
नोटबंदी के कदम को ‘राष्ट्रीय परियोजना’ और व्यापक सामाजिक आंदोलन करार देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि आज थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन इससे भविष्य बेहतर होगा। सरकार इन परेशानियों को समझती है और इसके समाधान की दिशा में कदम उठा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मोदीजी देश में काफी लोकप्रिय हैं और इस कदम के बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ी है। देश का गरीब आदमी मोदी को अपने मसीहा के तौर पर देख रहा है। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि कांग्रेस और उनके मित्र क्यों संसद में अव्यवस्था फैला रहे हैं।’’
वेंकैया ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस अब कह रही है कि प्रधानमंत्री आयेंगे तभी चर्चा होगी, वे जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। यह मुद्दे को भटकाने का प्रयास है। उसके पास तथ्य नहीं है और लोगों की राय उसके खिलाफ जा रही है। वे नहीं चाहते कि संसद की कार्यवाही चले और ऐसा लगता है कि वे उस दिशा में बढ़ रहे हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि नोटबंदी पर चर्चा के लिए प्रारंभ में सहमत होने के बाद विपक्षी दल अब यू टर्न ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता संसद से बाहर चर्चा कर रहे हैं लेकिन सदन में चर्चा नहीं करना चाहते हैं और न ही सरकार को मुद्दों पर सार्थक राय देना चाहते हैं। भाजपा सदस्यों ने आज सदन में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा नोटबंदी के दौरान हुई मौतों की तुलना उरी आतंकी हमले से करने के गुरुवार को दिये बयान का विरोध किया।
वेंकैया नायडू ने सवाल किया कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह उनका निजी बयान है या पार्टी का आधिकारिक रूख है। केंद्रीय मंत्री ने नोटबंदी पर धरना प्रदर्शन करने पर तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों फोटो खिंचवाने के लिए रिजर्व बैंक के दफ्तर गए थे। अगर दोनों मुख्यमंत्रियों को कुछ पूछना था, तो वे वित्त मंत्री से मिल सकते थे। वेंकैया ने कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान भी कई स्थानों पर लोग ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगा रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर विपक्षी दलों की आलोचना की। विपक्षी दलों द्वारा चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री की ओर से दिये जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि मोदी संसद में चर्चा के दौरान पहले कई बार हस्तक्षेप कर चुके हैं। लेकिन यह चलन नहीं हो सकता है क्योंकि अतीत में संबंधित मंत्री ही सरकार की ओर से जवाब देते रहे हैं। वेंकैया ने कहा कि लोग नोटबंदी पर सार्थक चर्चा चाहते हैं लेकिन विपक्ष ने उन्हें निराश किया है। उन्होंने विपक्षी दलों से चर्चा शुरू करने का आग्रह करते हुए कहा कि क्या आप अर्थव्यवस्था को साफ सुथरा बनाने के खिलाफ हैं? क्या आप कालाधन के खिलाफ नहीं हैं?