नई दिल्ली:  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आज कहा कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध कालेधन पर अंकुश लगाने तथा बड़ी मात्रा में धन रखने पर रोक लगाने की दृष्टि से एक काफी अच्छा कदम है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि विभाग संदिग्ध लेनदेन पर निगाह रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है। चंद्रा ने कहा, ‘‘यह काफी महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले से पता चलता है कि सरकार कालेधन पर रोक चाहती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात जो घोषणा की है उससे इस बुराई पर काबू पाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि इस फैसले से होने वाले प्रभाव से निपटने के लिए आयकर विभाग तथा सीबीडीटी अपनी-अपनी भूमिका के तौर तरीके पर काम कर रहे हैं। विभाग के सूत्रों ने कहा कि कर अधिकारी इन दो मूल्य के नोटों के जरिये एक निश्चित सीमा से अधिक जमा की जाने वाली राशि पर निगाह रखेंगे।

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