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    Home»Top Story»बैंकों में लाइनें हुईं छोटी लेकिन ATM पर लंबी प्रतीक्षा जारी
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    बैंकों में लाइनें हुईं छोटी लेकिन ATM पर लंबी प्रतीक्षा जारी

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीNovember 19, 2016No Comments2 Mins Read
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    नई दिल्ली: सरकार के 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के दस दिन बाद आज कई बैंक शाखाओं के बाहर लाइनें कुछ छोटी नजर आईं लेकिन एटीएम पर नकदी समाप्त होने और लंबी प्रतीक्षा का दौर अभी भी जारी है। बैंकों की सभी शाखाओं में आज केवल उनके अपने ग्राहकों के साथ ही लेनदेन किया जा रहा है। उनमें दूसरे बैंकों के ग्राहकों के 500 और 1,000 रुपये के नोट बदलने का काम नहीं हो रहा है। हालांकि, बुजुर्गों के लिये ऐसी कोई रोकटोक नहीं है और वह किसी भी बैंक में अपने नोट बदल सकेंगे।

    पुराने नोट के बदले नये नोट लेने की सीमा को घटाकर 2,000 रुपये किया गया है ताकि नकदी की मांग पर बढ़े दबाव को कुछ कम किया जा सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बैंक शाखाओं पर भीड़ काफी कम हुई है और किसी तरह की कोई घबराहट नहीं है। ‘‘पंक्तियां छोटी हुई हैं और पूरे देश में यही स्थिति है।’’

    नोट बदलने के लिये बार बार बैंकों में आने वाले लोगों की पहचान करने के लिये कई स्थानों पर बैंकों ने उंगली पर जल्दी नहीं मिटने वाली स्याही लगानी शुरू की है। सरकार और रिजर्व बैंक पूरे देश में नये नोट की व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं, ऐसे में छोटे व्यवसायी जैसे सब्जी, ढाबे वाले तथा छोटे किराना स्टोर चलाने वाले, जिनमें पूरा लेनदेन नकदी में होता है, काफी प्रभावित हुये हैं। लोगों को दूध, सब्जी, दवाइयां और दूसरे रोजमर्रा का सामान लेने में भी असुविधा हो रही है क्योंकि छोटे नोट की परेशानी है।

    देशभर में अस्पतालों में मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें दवाइयां, खाद्य पदार्थ और परिवहन साधनों में लेनदेन करने में समस्या आ रही है। ठेका और दिहाड़ी मजदूरों का काम भी ठप पड़ा है। सीमेंट, रेता और दूसरा सामान नहीं पहुंच पाने की वजह से निर्माण गतिविधियां रूकी पड़ी हैं। लोगों की परेशानी को कम करने के लिये सरकार ने शादी वाले परिवार को ढाई लाख रुपये तक नकद निकासी करने और किसानों और छोटे व्यापारियों को 50,000 रुपये तक नकद उपलब्ध कराने की सुविधा दी है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा कर आश्चर्यचकित कर दिया था। उसके बाद से ही पूरे देश में बैंकों और डाकघर के बाहर लंबी लाइनें लगी हुई हैं।

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