उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है. वाशिंग मशीन, फ्रिज, इलेक्ट्रिक फिटिंग, सीमेंट, सीलिंग फैन, घड़ियां, ऑटोमोबाइल्स, तंबाकू से बनने वाले उत्पाद, पोषक तत्वों से युक्त पेय पदार्थ, ऑटो पार्ट्स, प्लास्टिक फर्निचर और प्लाईवुड समेत उनके उपयोग की अहम चीजें जल्द सस्ती हो सकती हैं.
दाम कम होने के कारण
इन चीजों के दाम इसलिए कम हो सकते हैं, क्योंकि इन पर लगने वाले जीएसटी में कटौती हो सकती है. फिलहाल ये चीजें जीएसटी के 28 फीसदी वाले स्लैब में आती हैं, जबकि इनमें कई चीजें बेहद सामान्य उपयोग की हैं. आम लोगों के साथ ही ट्रेड और इंडस्ट्री बॉडी, ट्रेडर्स और मैन्युफैक्चरर्स ने भी सरकार से इन पर टैक्स रेट कम करने की मांग की है.
12-18 फीसदी हो सकती है टैक्स रेट माना जा रहा है कि 9-10 नवंबर को गुवाहाटी में होने जा रही है जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इन चीजों को 18 फीसदी से लेकर 12 फीसदी वाले टैक्स स्लैब्स में रखने का फैसला लिया जा सकता है. अगर 18 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया तो इन चीजों की कीमतों पर काफी फर्क पड़ेगा.
धीरे-धीरे टैक्स रेट कम करना चाहती है सरकार
सूत्रों ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि वित्त मंत्रालय का भी मानना है कि 28 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाली लग्जरी चीजों को धीरे-धीरे कम दरों वाले स्लैब्स में रखा जाना चाहिए.
ट्रेडर्स एसोसिएशन कैट ने साफ कहा है कि 28 फीसदी वाले स्लैब में सिर्फ लग्जरी चीजों को रखा जाना चाहिए, लेकिन इसमें कई जरूरी चीजों को भी रख दिया गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेसशासित राज्यों के प्रतिनिधि इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल की आगामी मीटिंग में उठाएंगे.
कॉन्सेप्ट पेपर में भी जिक्र
गौरतलब है कि अक्टूबर की अपनी मीटिंग में जीएसटी काउंसिल ने एक कॉन्सेप्ट पेपर पर सहमति जताई थी, जिसमें जीएसटी रेट्स में बदलाव के बारे में दिशा-निर्देश हैं. 28 फीसदी वाले टैक्स स्लैब को केंद्र में रखकर इसमें कहा गया था कि बड़ी आबादी द्वारा उपयोग की जाने वाली चीजों को कम टैक्स स्लैब में रखा जाना चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि जीएसटी सिस्टम की सफलता के लिए टैक्स रेट को कम रखना जरूरी है.