जीएसटी के बाद मोदी सरकार जल्द ही एक और बड़ा टैक्स सुधार करने जा रही है. यह सुधार प्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था को लेकर है. डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार के लिए सरकार ने एक 6 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है. टास्क फोर्स 6 महीने में सरकार को रिपोर्ट देगा. जानकारों के मुताबिक नए डायरेक्‍ट टैक्‍स कोड (DTC) से न केवल वित्तीय काम आसान हो जाएंगे, बल्कि इससे लोगों को टैक्स भी कम देना होगा.

ये हैं टास्‍क फोर्स में
टास्क फोर्स में सीएनबीसी-आवाज़ के टैक्स गुरु मुकेश पटेल के साथ सीबीडीटी लेजिस्लेशन के मेंबर अरविंद मोदी, एसबीआई, सीए एंड नॉन ऑफिशियल डायरेक्टर, गिरिश आहूजा, ईएंडवाय, चेयरमैन एंड रीजनल मैनेजिंग पार्टनर राजीव मेमानी, आईसीआरआईईआर कंसल्टेंट मानसी केडिया, 1971 में आईआरएस रिटायर्ड, जी सी श्रीवास्तव और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन शामिल हैं.

चार मुद्दों पर काम करेगा टास्‍क फोर्स

 टास्कफोर्स मुख्‍य रूप से चार मुद्दों पर गौर करेगा. पहला मुद्दा- अलग-अलग देशों में डायरेक्ट टैक्स को लेकर क्या प्रावधान हैं. दूसरा मुद्दा- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बेहतर व्यवस्था क्या है. तीसरा मुद्दा- देश की जो आर्थिक स्थित है, उसमें डायरेक्ट टैक्स के लिए सबसे बेहतर व्यवस्था कैसी होनी चाहिए. और चौथा-आयकर नियमों में क्या बदलाव होने चाहिए.बजट से पहले सरकार का डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार इस बात का संकेत है कि वह आसान और साफ कानून लाना चाहती है. इसका मतलब यह भी है कि निवेशकों के लिए कारोबार को आसान बनाने के लिए डायरेक्ट टैक्सेज की नीति में बदलाव किया जाएगा.

मूल डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) का प्रस्ताव पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम लेकर आए थे. हालांकि बिल में आगे कई बदलाव भी किए गए, लेकिन यह संसद से पास नहीं हो पाया. 2009 में DTC के तहत कई छूट और उदार टैक्स स्लैब को हटाने सहित बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा गया था.

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