मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर एकजुटता जरूरी है। आग्रह किया कि दहेजबंदी, बाल-विवाह की कुप्रथा और शराबबंदी जैसे सामाजिक विषयों पर कोई राजनीति न हो। सभी इसकी सफलता में अपना योगदान दें। कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ हमलोगों ने दहेज तथा बाल विवाह विरोधी अभियान चलाया है। अगर हम इनमें कामयाब होते हैं तो समाज में बड़ा परिवर्तन आएगा और बापू के प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सीएम सचिवालय स्थित संवाद से दहेज मुक्ति जागरूकता रथ को रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज-प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सशक्त अभियान चलाया गया है। साथ ही बिहार अब पूर्ण शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर कदम बढ़ा चुका है। इस कार्य में सबका सहयोग मिलने से अभियान की रफ्तार और तेज हुई है। सामाजिक परिवर्तन की दिशा में शुरू हुई यह पहल कारगर साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से समाज में अमन, चैन कायम हुआ है और अब लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है। इसके कारण गरीबों के घर-आंगन में भी खुशहाली लौटी है। शराबबंदी से महिलाओं के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है और महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह एक प्रभावी पहल साबित हो रहा है। पूर्ण शराबबंदी के समर्थन का नतीजा है कि 21 जनवरी को मानव शृंखला में चार करोड़ से अधिक लोगों ने भागीदारी दर्ज कराकर इतिहास कायम किया। अब दहेज तथा बाल विवाह की कुप्रथा के खात्मे के लिए 21 जनवरी 2018 को पूरे बिहार में मानव शृंखला बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज तथा बाल विवाह के विरुद्ध पहले से कानून है। लेकिन हम जनसहयोग से इसमें कामयाब होंगे।
दहेज हत्या में बिहार का दूसरा स्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज एवं बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक कुरीति है। इन्हें जड़ से मिटाना जरूरी है। भारत सरकार के आंकड़े के मुताबिक महिला अपराध में बिहार का 26वां स्थान है, लेकिन दहेज संबंधी अपराध में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है। कहा कि अगर दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर काबू पा लिया जाए तो महिलाओं के खिलाफ अपराध और होने वाली घटनाओं में परिवर्तन आएगा। बाल विवाह की शिकार महिलाओं के बच्चे बौनेपन के शिकार होते हैं। दुनिया में लोगों की लंबाई बढ़ रही है, हमारे यहां कम हो रही है।
दूसरे राज्य के लोग आ रहे अध्ययन करने
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में चल रहे सामाजिक अभियानों की चर्चा चारों तरफ हो रही है। बिहार से बाहर के लोग हमारे इस तरह के अभियान को जानने के लिए बिहार आ रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक से प्रतिनिधिमंडल शराबबंदी के संबंध में यहां अध्ययन करने के लिए आया था। इन सब गतिविधियों से बिहार की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
बिना दहेज शादी करने वाले को दे रहे बधाई
बिना दहेज के शादी करने वालों को वे खुद फोन से बधाई दे रहे हैं। मौका मिलने पर उनके घर भी जा रहे हैं। दहेज नहीं लेकर शादी करने वालों के प्रति यह उनका सम्मान है।