एक निजी चैनल पर स्टिंग ऑपरेशन दिखाये जाने के बाद पटना सिविल कोर्ट के 15 घूसखोर कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. टीवी चैनल ने बुधवार को खुलेआम कुछ पेशकारों को कैमरे पर रिश्वत लेते दिखाया गया था.
खबर दिखाये जाने के मामले को पटना हाईकोर्ट प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और निलंबन की बडी़ कार्रवाई की गई. कोर्ट प्रशासन की तरफ से मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन ने तत्परता से कार्रवाई शुरू की. कार्रवाई के दौरान रिश्वत लेने वाले सारे पेशकार और क्लर्क दोषी पाये गये.
इसके बाद पटना के जिला जज को दोषी पाए गए सारे कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत त्रिपाठी ने जिन कर्मियों को सस्पेंड किया है उनमें
रमेन्द्र कुमार पेशकार, सन्तोष कुमार पेशकार, कुमार नागेंद्र पेशकार, संजय कुमार पेशकार, आशीष दीक्षित पेशकार, प्रदीप कुमार पेशकार, सुनील कुमार यादव, पेशकार फैमिली कोर्ट , विश्व मोहन विजय पेशकार, फैमिली कोर्ट, मुकेश कुमार, क्लर्क, सुबोध कुमार, टाइपिस्ट, सर्वर रूम के क्लर्क सुबोध कुमार, शहनाज रिजवी, नकलखाना क्लर्क, मुनी देवी और मधु राय, रामएकबाल चपरासी, आलोक कुमार चपरासी शामिल हैं.