भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के लिए इससे ज्यादा खौफनाक और शर्मनाक वारदात हो नही सकती. जब प्रदेश का स्थापना दिवस मनाने में बुधवार को पूरी राजधानी जश्न में डूबी थी तब भोपाल में एक 19 साल की लड़की के साथ चार लड़को ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. आरोप है कि लड़की को एक पुल के नीचे बांधकर दरिंदों ने कुकर्म किया.
लड़की ने आरोप लगाया है कि वो चारों बारी-बारी से चाय और गुटखे के लिए ब्रेक लेने जाते थे और फिर लौटकर दोबारा उसका रेप करते रहे. हैरान करने वाली बात ये है कि बेटी के साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए माता-पिता पहले भोपाल पुलिस के पास पहुंचे तो उन्हें एक-दूसरे थाने का मामला बताकर चलता कर दिया.
वह भी तब जबकि पीड़िता के माता-पिता, दोनों ही पुलिस में हैं. पीड़ित के पिता सब-इंस्पेक्टर हैं तो वहीं उनकी मां सीआईडी में हैं. तब भी पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं की गई. यहां तक कि एक पुलिस अफसर ने तो लड़की पर “फिल्मी स्टोरी बनाने” का आरोप लगाकर उसका मजाक उड़ाया.
जब कोई मदद नहीं मिली तो ज्यादती की शिकार बनी बेटी अपने माता-पिता के साथ दरिंदों को ढूंढने घटनास्थल पर जा पहुंचे. तभी सामने एक आरोपी को पाते ही माता-पिता ने उसे दबोच लिया और घसीटते हुए थाने जा पहुंचे, तब आनन-फानन में रेलवे पुलिस ने FIR दर्ज की.
कुछ देर बाद पुलिस टीम ने घटनास्थल का दौरा किया जहां अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों के पास से छात्रा का मोबाइल फोन और कान की बाली बरामद हुई. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया हैं.
इधर इस मामले में पीड़िता को तत्काल मदद नहीं मिलने और एफआईआर के लिए भटकाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी संतोषसिंह ने एमपी नगर थाने के सब इंस्पेक्टर रामनाथ टेकाम को सस्पेंड कर दिया और मामले में पुलिस की लापरवाही की जांच के आदेश दिए.
मरा समझकर आरोपी रेलवे ट्रेक के पास छोड़ गए
छात्रा यूपीएससी की कोचिंग कर घर लौट रही थी तभी चार लड़को ने उसे घेर लिया पहले उसके साथ छेड़छाड़ की फिर झाड़ियों में ले जाकर तीन घंटे तक उसके साथ गैंगरेप किया. पहचान उजागर ना हो इसके लिए आरोपियों ने गैंगरेप के बाद छात्रा का गला दबा दिया इससे छात्रा बेहोश हो गई.
युवती को मरा समझकर आरोपी रेलवे ट्रेक के पास झाड़ियों में छोड़ गए. होश में आने पर पीड़िता ने किसी तरह भागकर हबीबगंज स्टेशन के पास बने सरकारी क्वार्टर स्थित अपने घर पहुंची. कुछ देर डरी-सहमी रोती रही, फिर फैमिली को वारदात की जानकारी दी. घटना को लेकर फैमिली सदमे में है.
इस पूरी घटना पर पीड़ित की मां ने कहा कि, “ये मेरी जिंदगी का सबसे गंदा अनुभव है. अगर एक पुलिस कर्मचारी होते हुए भी मुझे अपनी बेटी के गैंगरेप की शिकायत के लिए इतना परेशान होना पड़ा तो फिर आम लोगों पर क्या ही बीतती होगी.” पीड़ित की मां ने एसएचओ जीआरपी मोहित सक्सेना और सब-इंस्पेक्टर ऊइकी पर गंदा व्यवहार और एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाया है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज घटना की कड़ी निंदा है. उन्होने कहा इस घटना को चिह्नित अपराधों की श्रेणी में रखकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस घटना का ट्रायल कराया जाएगा. एक पुलिस कर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है. जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.