मिशन 2019 को ध्यान में रखकर प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल किया गया है. अंदरुनी कलह से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस को पहली बार गैर आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के रूप में मिला है. वहीं नाराज चल रहे सुखदेव भगत को राहुल गांधी ने दिल्ली तलब किया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस क्या मजबूत हो पाएगी.

अंदरुनी कलह से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस में जान फूंकने के लिए पहले प्रभारी बीके हरिप्रसाद के स्थान पर तेज तर्रार नेता आरपीएन सिंह को कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड प्रभारी घोषित किया. उसके बाद कुछ ही महीनों में प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को हटाते हुए प्रदेश में कांग्रेस की बागडोर डॉ. अजय कुमार को दी गई है.

झाविमो से कांग्रेस में कुछ वर्ष पूर्व आए डॉ. अजय कुमार राजनीति से ज्यादा एक आईपीएस के रूप में पहचाने जाते हैं. राहुल गांधी के करीबी होने का लाभ डॉ. अजय कुमार को पार्टी में शामिल होने के बाद से ही मिलता रहा है. राष्ट्रीय प्रवक्ता बनने के बाद अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वे काम करेंगे. इधर कुर्सी खोने के बाद नाराज दिख रहे सुखदेव भगत को दिल्ली तलब किया गया है. दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रभारी आरपीएन सिंह के समक्ष सुखदेव भगत अपनी बातों को रखेंगे.

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