जयपुर । विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में भारत कारोबारी सुगमता के लिहाज से 30 स्थान की लंबी छलांग लगाते हुए 190 देशों की सूची में 100वें पायदान पर आ गया है। पिछले साल यह 130वें स्थान पर था। दिलचस्प है कि कारोबार सुगमता की रैंकिंग में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से इतना सुधार नहीं हुआ है जितना कि आय गणना एवं घोषणा मानदंडों (आईसीडीएस) के साथ ही साथ आधुनिक एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईपीआर) सॉफ्टवेयर की वजह से हुआ है। राज्य के उद्योग व्यापार जगत ने इस उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
घर का पूत कंवारा डोले पाड़ोसी के फेरा
दुनिया में देश की उपब्धि का डंका बज रहा है, लेकिन देश के हालात नोटबंदी और जीएसटी के बाद बिगड़े हुए है। कई उद्योग बंद हो गए और कई कगार पर है। ऐसे में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। शेयर बाजार उछलना देश के विकास का द्योतक नहीं है, कल बाजार कैसा रहेगा, कोई नहीं बता सकता। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आंकड़ो का खेल है, इसकी सफलता से आजजन का कोई विकास नहीं हो रहा।
सीताराम अग्रवाल, अध्यक्ष ,राजस्थान स्टील चैम्बरु
फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने वर्ल्ड बैंक के द्वारा जारी की गई ‘इज आॅफ डूइंग बिजनेस’ रैंक मे भारत की रैंकिंग मे सुधार की सराहना करते हुए कहा कि यह रैंकिंग केवल जून.2017 तक के लिए है जो की केंद्र सरकार द्वारा आॅनलाइन सिस्टम अपनाने से नियमों में काफी सुधार हुआ है, परन्तु वर्तमान समय मे जीएसटी के प्रभाव से समस्त व्यापार एवं उद्योग जगत रिटर्न्स भरने के जटिल नियमों मे फंसा हुआ है।
सुरेश अग्रवाल, अध्यक्ष फोर्टी
देश के लिए उपलब्धि
डूइंग बिजनेस रिपोर्ट से देश की दुनियाभर में साख बढ़ी है। यह हमारे लिए एक उपलब्धि है। शेयर बाजार में बुधवार को इसका सकारात्मक असर साफ दिखा है। इससे दुनियाभर के निवेशकों की नजर में इंडिया के निवेशकों की गुडविल में इजाफा हुआ। आने वाले समय में इसके और बेहतर
परिणाम आएंगे।
संदीप जैन, डायरेक्टर ,ट्रेड स्विफ्टु
इंटरनेशनल मार्केट में इंडिया की छवि और निखरी है। इससे कॉर्पोरेट सेक्टर और शेयर मार्केट को फायदा होगा। देशभर में विकास की एक नई राह खुली है। वर्तमान समय में जीएसटी जैसे नए कानून से कारोबारी तकलीफ में है। ऐसे में केन्द्र सरकार को इसका सरलीकरण करना चाहिए।
अजय काला, मानद सचिव,जयपुर चैम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री