रांची। कोलेबिरा विधानसभा उप चुनाव में इस बार भाजपा की रणनीति गोमिया और लिट्टीपाड़ा से अलग होगी। सेंगल पार्टी द्वारा भी उम्मीदवार दिए जाने की स्थिति में ईसाई मतों के बिखराव की संभावना को केंद्र में रख कर भाजपा गैर ईसाई मतों को ध्रुवीकृत करने की रणनीति अपनायेगी। इसी रणनीति के जरिए भाजपा कोलेबिरा उप चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू करने जा रही है। उसमें उसकी पहली नजर विपक्षी गठबंधन पर है।

गोमिया उप चुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली

सेंगल पार्टी के चुनाव मैदान में कूदने से चुनावी गणित को दूर तक प्रभावित होने की संभावना है। लिट्टीपाड़ा उप चुनाव में भाजपा ने पूरी तरह बाजी पलट देने की रणनीति पर काम किया था। इस विधानसभा क्षेत्र में कभी जीत हासिल नहीं करने वाली भाजपा जीत दर्ज कर नया संदेश देने की कोशिश की थी। झामुमो के गढ़ में सेंध लगाकर संथाल कब्जा का अभियान शुरू करना चाह रही थी। लेकिन भाजपा की यह रणनीति वहां कारगर नहीं हुई। इसी तर्ज पर गोमिया उप चुनाव में भी भाजपा ने अपना परचम लहराने की कोशिश की। लेकिन यहां भी सफलता नहीं मिली।

सेंगल पार्टी का मूल जनाधार ईसाई मत

कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र में अब तक महागठबंधन का स्वरूप सतह पर नहीं आया है। भाजपा का प्रयास है कि वहां महागठबंधन मजबूत स्वरूप नहीं ले। इधर हाल में सेंगल पार्टी के अस्तित्व में आने और उसके सक्रिय होने से भी भाजपा की उम्मीद को बल मिलता दिख रहा है। क्योंकि सेंगल पार्टी का मूल जनाधार ईसाई मत हैं। अगर महागठबंधन नहीं बना और सेंगल पार्टी ने भी उम्मीदवार दे दिया तो ईसाई मतों का बिखराव तय माना जा रहा है।

झापा के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर की चर्चा

भाजपा के अंदरखाने की मानें तो पार्टी ने पहले झापा की मेनन एक्का को ही अपना प्रत्याशी बनाने की कोशिश की थी। लेकिन झापा ने भाजपा के ऑफर को ठुकरा दिया। झापा को यह भय सता रहा था कि भाजपा में जाने पर उसका ईसाई मत उससे पूरी तरह कट जाएगा। यह उसके लिए नुकसानदायक होगा। इसके बाद भी चर्चा है कि भाजपा का झापा के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर कायम है।

विपक्षी दलों की रणनीति को समझने के बाद ही भाजपा देगी प्रत्याशी, उभर रहे हैं कई नाम

अब तक की सूचना के अनुसार कोलेबिरा में भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा, यह तय नहीं हुआ है। विपक्षी दलों के प्रत्याशियों और रणनीति को समझने के बाद ही भाजपा अपना प्रत्याशी देगी। वैसे यह तय है कि गैर भाजपा दलों के सभी प्रत्याशी ईसाई समुदाय से ही होंगे। ऐसा स्वभाविक भी है क्योंकि यहां की 70-80 फीसदी तक आबादी ईसाई है। फिर भी भाजपा के बीच कुछ नाम उभर कर सामने आ रहे हैं।

सुजान मुंडा खूंटी सांसद कड़िया मुंडा के जलडेगा प्रतिनिधि हैं

उनमें सुजान मुंडा, शिवराज बड़ाईक, कृष्णा बड़ाईक, रुकमनी देवी का नाम लिया जा रहा है। सुजान मुंडा खूंटी सांसद कड़िया मुंडा के जलडेगा प्रतिनिधि हैं। कोलेबिरा मुंडा बहुतल इलाका रहा है। हालांकि अब इस जाति के अधिकांश लोग ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके हैं। कृष्णा बड़ाईक भाजपा के जिला महामंत्री हैं। इसी तरह शिवराज बड़ाईक ठेठईटांगड़ में मुखिया हैं और एनकी अच्छी पकड़ बताई जाती है। रुकमनी भी बोलवा प्रखंड मे मुखिया है और गाड़ समाज से आती है।

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