रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति के संरक्षण के लिए कृतसंकल्पित है। विदेशी शक्तियां हमारी संस्कृति को नष्ट करने पर तुली हैं, लेकिन सरकार उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। परंपरा और संस्कृति को बचाये रखने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। लालच, भय, अंधविश्वास के चक्कर में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस चक्कर में लोग नहीं फंसें, इसके लिए सरकार ने कानून बनाया है। सीएम ने उक्त बातें उनके आवास में बोकारो से आये आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के प्रतिनिधियों से कहीं।

सीएम ने इस दौरान विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि सरकार उनकी जमीन लूट लेगी। चार साल के शासन में एक इंच भी जमीन नहीं ली गयी है। जो लोग आदिवासियों का शोषण करते हैं, जिन लोगों ने राज्य में हर जगह आदिवासियों की जमीन औने-पौने दाम में खरीदी है, वे ही आज हम पर आरोप लगा रहे हैं। चुनौती देता हूं कि मेरा जमशेदपुर में एक घर के अलावा कोई संपत्ति बताये। 1995 से विधायक हूं, लेकिन गड़बड़ी नहीं की। आदिवासियों की संपत्ति के लुटेरों का नाम और उनके द्वारा पूरे राज्य में अर्जित की गयी संपत्ति की पूरी सूची मेरे पास है। ऐसे नेता नहीं चाहते हैं कि आदिवासियों का विकास हो। आदिवासी पढ़-लिख गये, तो उनकी वोट बैंक की राजनीति समाप्त हो जायेगी।

धर्मगुरुओं को जनवरी से मिलेगी सम्मान राशि
सीएम ने कहा कि परंपरा और संस्कृति को बचाये रखनेवाले धर्म गुरुओं को जनवरी से सम्मान राशि मिलनी शुरू हो जायेगी। विभाग से चर्चा कर उन्हें पहचान पत्र निर्गत करने की भी प्रक्रिया शुरू की जायेगी। कहा कि सरकार का मानना है कि मातृभाषा सर्वोपरि है। सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। 2019 से ओल चिकी भाषा में स्कूलों में पढ़ाई शुरू कर दी जायेगी। इसके लिए किताबें छपकर आ गयी हैं। अभी पहली और दूसरी कक्षा में इसकी पढ़ाई होगी। आनेवाले दिनों में पांचवीं तक ओल चिकी भाषा में पढ़ाई होगी। स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही है। ओल चिकी के अलावा कुड़ुख, मुंडारी आदि भाषाओं के शिक्षकों की भी नियुक्ति की जा रही है, ताकि हमारे बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर सकें।

घेराबंदी के लिए बचे धार्मिक और पारंपरिक स्थलों के लिए अगले साल के बजट में किया जायेगा प्रावधान ः रजरप्पा में भवन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां एक तीन मंजिला भवन बन रहा है, जहां कम खर्च पर ठहरने और खाने की व्यवस्था रहेगी। राज्य में घेराबंदी से बचे बाकी धार्मिक और पारंपरिक स्थलों की घेराबंदी के लिए अगले साल के बजट में प्रावधान किया जायेगा।

लुगुबुरु में बन रही टेंट सिटी
सीएम रघुवर दास ने कहा कि लुगु बुरु मेला को राजकीय मेला घोषित किया गया है। वहां टेंट सिटी बनायी जा रही है, ताकि आदिवासी श्रद्धालुओं को खुले आसमान के नीचे रात नहीं बितानी पड़े। वहां पानी, बिजली आदि की व्यवस्था की जा रही है।

सरकार के प्रयास से परंपरा को मिलेगी मजबूती: धर्मगुरु
कार्यक्रम के दौरान बोकारो से आये परंपरागत धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें राज्य के माझी हड़ाम की उपाधि से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से आदिवासी परंपरा को मजबूती मिलेगी। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता लखी हेंब्रम, आनंद मुर्मू समेत अन्य उपस्थित थे।

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