अजय शर्मा
रांची। विवादों में चल रहे दारोगा मुकेश कुमार यादव का तबादला गुमला किया गया था, उसे रोक दिया गया है। अब वे विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक विशेष शाखा में रहेंगे। चुनाव समाप्त होने के बाद फिर से हजारीबाग जिला बल में लौट जायेंगे। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में जो आदेश निकाला है, उसमें मुकेश को हजारीबाग के पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारी होने का हवाला देकर तबादले में यह बदलाव किया गया है। आदेश में कहा गया है कि सरायकेला के इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह को चतरा, हजारीबाग के दारोगा मुकेश कुमार को गुमला, चतरा के दारोगा अवधेश तिवारी का बोकारो किया गया स्थानांतरण उनके कार्यकाल तक स्थगित माना जाये।
विवादों में रहे हैं मुकेश
हजारीबाग के दारोगा मुकेश कुमार विवादों में रहे हैं। हजारीबाग के एसपी ने उन पर जांच का आदेश दिया है। मुकेश पर आरोप है कि वे अपनी पूरी पुलिस टीम को बड़कागांव थाना से भागलपुर में अपने गांव ले गये थे और वहां पड़ोसी से मारपीट भी की थी। मुकेश कुमार जब बड़कागांव में थानेदार थे, तब उन पर आरोप लगा कि सुशील श्रीवास्तव के शूटर अमन साव को थाना हाजत से भगाने में भूमिका निभायी। इस मामले में उन्हें निलंबित तो कर दिया गया, लेकिन आठ दिन के बाद ही निलंबन मुक्त हो गये।
चुनाव आयोग के निर्देश पर तबादला
मुकेश कुमार का तबादला चुनाव आयोग के निर्देश पर हुआ है। तीन साल तक एक ही जिला में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को बदला गया था। इसी सूची में दारोगा मुकेश का भी नाम था, जिन्हें गुमला जिला बल में भेजा गया था। एसोसिएशन के नाम पर चुनाव तक विशेष शाखा में रहेंगे और फिर हजारीबाग चले जायेंगे।
अप्रशिक्षित दारोगा का पदस्थापन दूसरे जिलों में भी
अप्रशिक्षित दारोगा का पदस्थापन दूसरे जिलों के एसपी ने भी करना शुरू कर दिया है। दुमका के अलावा जमशेदपुर और हजारीबाग में भी अप्रशिक्षित दारोगा को थानेदार के रूप में तैनात किया गया। आजाद सिपाही ने जब इस मामले का खुलासा किया, तब पुलिस मुख्यालय से सभी एसपी को आदेश दिया गया है कि वे अब अप्रशिक्षित दारोगा को थानेदार नहीं बनायेंगे।