अजय शर्मा
रांची। पावरफुल जूनियर पुलिस अधिकारियों के लिए आइपीएस सभी नियमों की तोड़ खोजने में जुट जाते हैं। जरूरत है हैवीवेट की। लातेहार के चंदवा थाना में प्रभारी हैं इंस्पेक्टर मोहन पांडेय। हर कोई इस अधिकारी को जानता है। वह किस कारण चर्चित हैं, यह भी सबको पता है।
चंदवा के पहले वह चतरा के पिपरवार जैसे उपजाऊ थाना के प्रभारी रह चुके हैं। वह उसी समय से चर्चा में थे। चंदवा थाना भी इसी कारण जाना जाता है। झारखंड के चतरा, जमशेदपुर और लातेहार में रहे हैं, लेकिन वह इन जिलों के मलाईदार थानों में रहे। चतरा में पिपरवार और सिमरिया थाना प्रभारी, यहां से उनका तबादला जमशेदपुर हुआ था। वह बर्मा माइंस के थाना प्रभारी भी रहे हैं।
तीन साल गुजरे, नहीं बदले थानेदार
विधानसभा चुनाव में वैसे सभी अधिकारियों को बदला जाना था, जो फील्ड में तीन साल पूरा कर चुके हैं। पांडेय की पदस्थापन अवधि लातेहार में तीन साल से अधिक है। वह लातेहार में बालूमाथ सर्किल इंस्पेक्टर भी रह चुके हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर जब जूनियर पुलिस अधिकारियों का तबादला हुआ, तब उस सूची से इनका नाम बड़ी चालाकी से बाहर कर दिया गया था। बाद में उन्हें रांची जिला बल के लिए स्थानांतरित दिखाया गया। लेकिन वह यहां नहीं पहुंचे। उनके तबादले को रोकने की अनुशंसा कर दी गयी।
क्या लिखा है अधिकारी ने
पुलिस अधिकारी ने लिखा है कि लातेहार घोर उग्रवादग्रस्त जिला है। इनको नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाने की विशेष जानकारी है। इनका सूचना तंत्र भी अच्छा है। इनके जिला में बने रहने से विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराया जा सकेगा। इन्हें तीन साल से एक ही स्थान पर पदस्थापित रहने के कारण दूसरी जगह भेजे जाने संबंधित प्रावधान में छूट देने की कृपा की जाये। पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा पर गृह विभाग ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र भेज दिया है।
इनका भी तबादला रोकें
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे गये पत्र में लातेहार जिला बल से ही मोहन पांडेय के अलावा एसटीएफ भेजे गये नित्यानंद प्रसाद, रांची भेजे गये आलोक कुमार दुबे, बोकारो भेजे गये सुभाष कुमार पासवान, सीआइडी भेजे गये प्रभाकर मुंडा को वहीं बने रहने की अनुशंसा की गयी है। इसके अलावा दुमका के दारोगा फागू होरो का गोड्डा तबादला भी रोकने का आग्रह किया गया है।