भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और मेदिनीपुर के विधायक दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के खिलाफ बर्धमान कोर्ट (Bardhaman Court) ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. करीब एक साल पहले दिलीप घोष पर पुलिस के बारे में आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगा था. उसी आरोप के तहत उनके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

बता दें कि पिछले साल 4 नवंबर को बर्धमान के रैना (Raina) इलाके में एक सभा में बंगाल के BJP अध्यक्ष ने पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा था, “पश्चिम बंगाल पुलिस बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार (Corruption) में लगी हुई है. यदि आप पैसे नहीं देते हैं, तो पुलिस की नौकरी नहीं मिलती है. पदोन्नति नहीं होती है. SP से OC तक के सभी लोगों को पैसा चाहिए, ताकि वह पैसा TMC कार्यालय में जाए.”

एक पुलिसकर्मी ने दर्ज की थी शिकायत

रैना के सेहरा बाजार चौकी के एक पुलिसकर्मी (Police Personal) ने विवादित टिप्पणी को लेकर BJP प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘दिलीप घोष की टिप्पणी ने पुलिस की छवि को खराब किया है. आम जनता ने पुलिस के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया (Negative reaction) व्यक्त की है और पुलिस के मनोबल पर असर पड़ा है.’

उस पुलिसकर्मी के आरोप के आधार पर, दिलीप घोष के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस साल फरवरी में मामले की चार्जशीट पेश की थी और उसी मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अदालत में गिरफ्तारी वारंट दायर किया गया था. बर्धमान अदालत ने शुक्रवार को अर्जी मंजूर कर ली.

जमानत के लिए आवेदन करेंगे दिलीप

हालांकि, मेदिनीपुर के एमपी इस गिरफ्तारी की संभावना को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘हर दिन कोई न कोई मामला मेरे खिलाफ दायर किया जा रहा है. यह मामला ज्ञात नहीं है. यदि गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, तो मैं अदालत में जमानत (Bail) के लिए आवेदन करूंगा.’ बता दें कि दिलीप घोष अपनी विवादित टिप्पणियों के लिए अक्सर विवादों में रहते रहे हैं. वह कई बार राज्य पुलिस और टीएमसी के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर चुके हैं और उसे लेकर उनकी लगातार आलोचना होती रही है.

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