एनके सिंह की अध्‍यक्षता वाले 15वें वित्‍त आयोग ने वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्‍त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। वित्‍त मंत्रालय ने मंगलवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी। ज्ञात हो कि इससे पहले वित्‍त आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को ‘कोविड काल में वित्त आयोग’ नाम दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 15वें वित्‍त आयोग की रिपोर्ट को भारत सरकार की एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन संसद में पेश करेंगी। संसद में पेश किए जाने के बाद इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा। आयोग की रिपोर्ट में 2021-22 से लेकर 2025-26 यानि 5 वित्त वर्षों के लिए सिफारिशें की गई हैं। इससे पहले वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए आयोग की रिपोर्ट दिसम्‍बर 2019 में राष्ट्रपति को सौंपी जा चुकी है, जिसको केंद्र सरकार की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ संसद में पेश किया गया था।

आयोग ने चार वॉल्‍यूम में पेश की रिपोर्ट

15वें वित्‍त आयोग ने चार वॉल्यूम में तैयार अपनी सिफारिश रिपोर्ट में विभिन्‍न विषयों और पहलुओं का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट में वर्टिकल और हॉरिजोनटल टैक्स डिवोल्यूशन, स्थानीय सरकार अनुदान (एजीजी), आपदा प्रबंधन अनुदान (डीएमजी) जैसे विषयों पर रोशनी डाली गई है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में पावर सेक्टर, डायरेक्ट टू बेनिफिट (डीबीटी) को अपनाने और सूखा कचरा प्रबंधन (एसडब्‍ल्‍यूएम) जैसे क्षेत्रों में राज्यों को दिए जाने वाले परफॉर्मेंस इंसेटिव की समीक्षा की बात रिपोर्ट में की गई है।

15वें वित्‍त आयोग में ये सदस्य थे शामिल

संविधान के सेक्‍शन-280 के क्लॉज-1 के तहत राष्ट्रपति ने 15वें वित्त आयोग का गठन किया था। इस आयोग का अध्यक्ष एन. के. सिंह को बनाया गया था जबकि इसके सदस्यों में शक्तिकांत दास, प्रो. अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिडी और डॉ. रमेश चंद शामिल थे। अरविंद मेहता को इसका सचिव बनाया गया था। हालांकि, शक्तिकांत दास के इस्‍तीफा देने पर अजय नारायण झा को आयोग का सदस्य बनाया गया था।

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