कृषि कानूनों को खेती-किसानी के खिलाफ बता आन्दोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी भी खुलकर आ गई है। आज से कांग्रेस ने स्पीक अप फ़ॉर फ़ार्मर्स नाम से एक ऑनलाइन कैम्पेन भी शुरू किया है। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कह रहे हैं और किसानों पर की गई हिंसा को राष्ट्रीय शर्म की संज्ञा दी है।

शर्मा ने कहा कि ‘वर्तमान किसान आंदोलन में भाजपा सरकार ने किसानों का दमन किया है, यह भारत माता के वो “अन्नदाता” हैं, जिन्होंने हरित क्रांति की शुरुआत करते हुए भारत को भोजन संपन्न औट सशक्त बनाया। इतिहास इस सरकार को कोरोना महामारी के दौरान संसद की आवाज दबाने और किसान विरोधी कानूनों को पारित करने के लिये कभी माफ नहीं करेगा।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे किसानों अधिकांश छोटे और मध्यम वर्ग के हैं। उन्हें सरकार के समर्थन और कानून के संरक्षण की आवश्यकता है लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही। ऐसे में जब किसान दिल्ली तक मार्च कर रहे हैं तो उन्हें रोका जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है। क्या अपने हक़ के लिये उन्हें आवज उठाने का भी अधिकार नहीं है।

उन्होंने महात्मा गांधी और सरदार पटेल के नेतृत्व में चंपारण और बारदोली सत्याग्रह को याद करते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने अंग्रेजी सरकार को घुटनों पर ला दिया। उसी प्रकार किसानों पर किया गया मोदी सरकार का अत्याचार भी उनके लिये हानिकारक होगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि किसानों के साथ सम्मान और बिना किसी पूर्व शर्त के बात की जाए।

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