बीजेपी के विरोधी दलों का कहना है कि बंगाल को लेकर ओवैसी का ऐलान बीजेपी की सियासी राह आसान करने की एक चाल है, क्योंकि बीजेपी शुरू से ही राष्ट्रवाद, धारा 370, एनआरसी और घुसपैठ के मुद्दे पर टीएमसी समेत विरोधी दलों पर हमला करती रही है। अब अगर इन मुद्दों पर ओवैसी ज़्यादा मुखर होकर भिड़ते हैं, तो वो टीएमसी का विकल्प बनेंगे। ऐसा होने पर टीएमसी और कांग्रेस को नुकसान होगा और बीजेपी को फायदा।
पश्चिम बंगाल में ओवैसी की एंट्री बीजेपी के लिए राहत दे सकती है, क्योंकि AIMIM बंगाल के मुसलमानों में जितनी ज़्यादा लोकप्रिय होगी, टीएमसी और कांग्रेस के का वोटबैंक उतना कमज़ोर होगा। बिहार में ओवैसी की पार्टी ने जो दांव खेला उसमें मिली छोटी सी कामयाबी का बड़ा असर बंगाल में देखने को मिल सकता है। यहां मुस्लिम वोट परंपरागत तौर पर टीएमसी या कांग्रेस के खाते में जाते हैं। ऐसे में अगर बंगाल में ओवैसी 5 से 10 सीटें भी जीतते हैं, तो ये टीएमसी और कांग्रेस का ही नुकसान होगा।
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रवाद समेत तमाम मुद्दों पर पहले ही कमर कस चुकी है। कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल का मैराथन दौरा किया था। कई बैठकें करके चुनावी रणनीति पर चर्चा की। वहीं, बिहार चुनाव जीतने के फौरन बाद पीएम मोदी ने भी बंगाल चुनाव को लेकर साफ़ संकेत दे दिए हैं।
बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक मोर्चाबंदी शुरू हो चुकी है। ओवैसी का ऐलान इसी का हिस्सा है। बंगाल में अब बीजेपी और टीएमसी की जंग में ओवैसी ने खेल को कैसे नया मोड़ दे दिया है।
बंगाल, बीजेपी, ओवैसी और ‘खेल’!
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ़ 2 सीटें मिलीं थीं
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 17% वोट मिले थे, जो बड़ा आंकड़ा है
वहीं, 2016 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 7% वोट का नुकसान हुआ था
2016 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ़ 10% वोट मिले
ख़ास बात ये है कि 75% से ज़्यादा सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही
अब अगर ओवैसी की पार्टी TMC के वोटबैंक में सेंध लगाएगी
तो TMC का वोटबैंक बंटेगा, जिससे बीजेपी को सीधा फ़ायदा होगा
ओवैसी के आने से TMC-कांग्रेस का सारा ज़ोर मुस्लिमों पर रहेगा
इसके अलावा मुस्लिमों पर ममता की मेहरबानी को बीजेपी चुनावी मुद्दा बनाएगी
राष्ट्रवाद, घुसपैठ, NRC पर ममता और बीजेपी में सीधी लड़ाई है
मुस्लिम मुद्दों पर ओवैसी असरदार साबित होने की कोशिश करेंगे
ओवैसी की ओर मुस्लिमों का ध्रुवीकरण बीजेपी के लिए फ़ायदेमंद
मुस्लिमों के असर वाली 90 से ज़्यादा सीटों पर ओवैसी दांव लगाएंगे
मुस्लिम वोटर्स वाली निर्णायक 90 सीटों पर AIMIM, TMC, कांग्रेस भिड़ेंगे
इससे बीजेपी बाकी बची 200 से ज़्यादा सीटों पर जीत की राह आसान बनाने की कोशिश करेगी
ओवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के फ़ैसले को टीएमसी और कांग्रेस उन्हें बीजेपी की बी टीम बता रही है। ओवैसी की पार्टी को अल्पसंख्यक वोट काटने की सियासी चाल के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इतना तय है कि जिस तरह बिहार में कुछ सीटों पर महागठबंधन के हारने के पीछे AIMIM को ज़िम्मेदार माना गया है, ठीक वैसी ही स्थिति पश्चिम बंगाल में भी नज़र आ सकती है। क्योंकि अगर टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट मुस्लिम बाहुल्य वाली 90 सीटों में उलझकर रह जाती हैं, तो बीजेपी बाकी बची 200 से ज़्यादा सीटों पर अपना परचम लहराने की भरपूर कोशिश करेगी यानी मियांभाई की एंट्री से बंगाल की सियासी तस्वीर थोड़ा पेचीदा और चुनावी गणित थोड़ा उलझा हुआ नज़र आ रहा है।