​​क्विक रिएक्शन ​​सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम) वायु रक्षा प्रणाली ​के विकास परीक्षण पूरे होने के बाद अब यूजर ट्रायल शुरू हो गए हैं​​​ सेना और वायु सेना को सौंपने से पहले इस मिसाइल प्रणाली का पहला उपयोगकर्ता परीक्षण ​मंगलवार को किया गया​ ​इस दौरान मध्यम रेंज और मध्यम ऊंचाई पर एक ​​पायलट रहित लक्ष्य विमान ​​को मार गिराकर बड़ी सफलता हासिल की गई है।

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन​ (​​डीआरडीओ)​​ ने सतह से हवा में 30 किमी. दूर तक विमान को मार सकने में सक्षम इस वायु रक्षा प्रणाली ​का आखिरी विकासात्मक परीक्षण 13 ​नवम्बर को​ ओडिशा के बालासोर उड़ान परीक्षण रेंज से किया​ था​​ ​मिसाइल ​को ​एक एकल चरण वाले ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर द्वारा प्रक्षेपित किया गया और इसमें सभी स्वदेशी उप-प्रणालियों का उपयोग किया गया। इस मिसाइल को 6 कैनिस्टराइज्ड मिसाइलों को ढोने में सक्षम मोबाइल लॉन्चर के सहारे परिवहन और प्रक्षेपण के लिए लाया गया।​ क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल्स (क्यूआरएसएएम) एक कॉम्पैक्ट हथियार प्रणाली है, जिसमें दो चार दीवार वाले राडार शामिल हैं, जिसमें लॉन्चर के अलावा, सक्रिय सरणी बैटरी निगरानी रडार और सक्रिय सरणी बैटरी बहुक्रिया रडार अर्थात 360 डिग्री कवरेज शामिल हैं।​​

क्यूआरएसएएम हथियार प्रणाली के बैटरी युक्त बहुआयामी रडार, बैटरी युक्त निगरानी रडार, बैटरी युक्त कमांड पोस्ट वाहन और मोबाइल लॉन्चर जैसे सभी तत्व को उड़ान परीक्षण में तैनात किया गया था। यह प्रणाली गतिशील लक्ष्यों का पता लगाने एवं​ ​उन​ ​पर न​जर रखने और छोटे व्यवधानों के जरिए लक्ष्य से निपटने में सक्षम है। इस प्रणाली को भारतीय सेना के प्रहार कॉलमों के बरक्स हवाई रक्षा कवरेज देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।​ ​परीक्षण के दौरान रडार ने दूर की रेंज से लक्ष्य की टोह ले लिया और लक्ष्य के मारक क्षेत्र के भीतर आने पर मिसाइल को​ ​दाग दिया। ​इसके बाद ​टर्मिनल ​एक्टिव  होमिंग के साथ आरएफ सीकर गाइडेंस ​ने सीधा प्रहार ​करके लक्ष्य ​को निशाना बनाया​​

डीआरडीओ​ के अनुसार रक्षा से संबंधित सार्वजानिक उपक्रम बीईएल, बीडीएल और निजी उद्योग एलएंडटी के माध्यम से इस हथियार प्रणाली के तत्वों की आपूर्ति हुई है। यह मिसाइल प्रणाली ​एक्टिव आरएफ सीकर, विभिन्न उद्योगों से हासिल इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्टिवेशन (ईएमए) प्रणाली के साथ पूरी तरह से स्वदेशी है। सभी रेंज ट्रैकिंग स्टेशन, रडार, ईओटी और टेलीमेट्री स्टेशनों ने उड़ान संबंधी मापदंडों की निगरानी की।​ संपूर्ण हथियार प्रणाली अत्यधिक मोबाइल प्लेटफार्मों पर कॉन्फ़िगर की गई है, जो वायु रक्षा प्रदान करने में सक्षम है। इसे सभी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसकी 30 किमी. की रेंज है। विकास परीक्षण पूरे होने के बाद अब सेना और वायु सेना के साथ मिसाइल का परीक्षण ​शुरू ​किया ​गया है​​।​​ यूजर ट्रायल पूरे होने के बाद इसे सशस्त्र बलों को इस्तेमाल के लिए सौंप दिया जायेगा।​

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