रांची। विफलताओं से घिरी गठबंधन सरकार को जनहित में सवाल अच्छे नहीं लग रहे। जनता इनकी नीति और नीयत समझ चुकी है। इस सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा जितने भी विधायक हैं, उन्हें कोई नहीं पूछता। वे जनहित में एक काम भी नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में अंतर्विरोधों से घिरी सरकार खुद ही गिर जायेगी। रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में यह बातें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहीं। उन्होंने कहा कि जनहित में वे सरकार से सवाल पूछेंगे। यदि सरकार में हिम्मत है तो वह मुझे गिरफ्तार करे। महागठबंधन के दोनों उम्मीदवार उप चुनाव में बुरी तरह पराजित होंगे। जिस प्रकार प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है, एनडीए के दोनों प्रत्याशी भारी बहुमत से जीत दर्ज करेंगे। श्री प्रकाश ने कहा कि खुले मंच से लाठी-डंडे की बात करने वाले मुख्यमंत्री के मुंह से संवैधानिक मर्यादाओं की बातें शोभा नहीं देतीं। मुख्यमंत्री को देश की संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नही है। न्यायालय पर भरोसा नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले लोगों के साथ साठगांठ रखने और साजिश करने वाले स्टेन स्वामी को 20 मिनट में क्लीन चिट दे देते हैं। भाजपा सशक्त विपक्ष के रूप में राज्य सरकार से सवाल तो पूछेगी ही। भाजपा राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की हितैषी है।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों तथा मूलवासियों के हित की बात करने वाली सरकार से आखिर सवाल क्यों नहीं पूछा जाये। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की उदासीनता के कारण 12 हजार आदिवासी और मूलवासी शिक्षकों की नौकरी अधर में लटक गयी है। अनुबंधित कर्मियों पर पुलिसिया जुल्म ढाया जा रहा है, ऐसे में क्या विपक्ष का इस पर सवाल पूछना उचित नहीं। राज्य सरकार ने राज्य के आंदोलनकारियों की पेंशन रोक दी गयी है, जिसे भाजपा सरकार ने शुरू किया था। क्या यह सरकार से पूछना गलत है। आदिवासी धर्मगुरुओं की सम्मान राशि इस सरकार ने बंद कर दी। यही आदिवासियों का हित है। इन सारे सवालों पर यह सरकार निरुत्तर हो चुकी है। इसलिए बौखलाहट में अनाप-शनाप निर्णय ले रही। खुद पर हुई एफआइआर पर श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य में पुलिस-प्रशासन सरकार के इशारे पर संवैधानिक दायित्व भूल चुका है। पुलिस पदाधिकारी इतने लाचार हो चुके हैं कि आचार संहिता लागू रहने की स्थिति में भी खड़े होकर एफआइआर स्वीकार करते हैं।
आश्चर्यजनक तो यह है कि चंद मिनटों में ही बिना कोई छानबीन किये जो धाराएं आवेदन में लिखी मिली, उसे ही पुलिस अधिकारी भी दर्ज कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि वे कोई बड़े घर में पैदा नहीं हुए हैं। संघर्ष करके आगे बढ़ने वाले पार्टी के एक कार्यकर्ता हैं। सामाजिक जीवन मे लोकतंत्र और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करते हुए कई बार वे जेल जा चुके हैं। प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।
खुद ही गिर जायेगी हेमंत की सरकार : दीपक प्रकाश
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