दिल्ली (Delhi) प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) ने प्रदूषण कर रही दो इकाईयों को सील कर दिया है और ऐसी 15 अन्य इकाईयों को बंद करने का आदेश दिया है जो यमुना में झाग बनने का कारण हो सकती है। प्रदूषण कर रहीं जिन इकाईयों को सील किया गया है उनमें हैं पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र में ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशन सह शोरूम, लॉरेंस रोड औद्योगिक क्षेत्र में जींस रंगाई एवं धुलाई इकाई।
पटपड़गंज औद्योगिक इलाके में नोटिस
इन इकाईयों से निकलने वाले प्रदूषित पदार्थों के शोधन की उचित व्यवस्था नहीं थी। डीपीसीसी की ओर से बताया गया कि खयाला पुनर्विकास क्षेत्र में 21 इकाईयों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 15 इकाईयां शोधन की उचित व्यवस्था के बगैर संचालित हो रही थीं, उन्हें बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसमें बताया गया कि पटपड़गंज औद्योगिक इलाके में एक ऑटोमोबाइल सर्विस एवं मरम्मत इकाई को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
जहरीला फेन बनने का कारण है उच्च स्तर का फॉस्फेट
कालिंदी कुंज इलाके के निकट यमुना नदी की सतह पर जहरीले फेन की तस्वीरें कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर सामने आई थीं जिसके बाद विशेषज्ञों ने कहा था कि इस प्रदूषण के पीछे मुख्य वजह डिटर्जेंट है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि देश में अधिकांश डिटर्जेंट के पास अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन का प्रमाण पत्र नहीं है जिसके तहत रासायनिक पदार्थों में फॉस्फेट की सांद्रता के लिए सीमा तय होती है। उन्होंने बताया कि जहरीला फेन बनने का प्रमुख कारण फॉस्फेट का उच्च स्तर होता है।
वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में की गई दर्ज
बता दें कि दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई, शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 330 दर्ज किया गया। गुरुवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 रहा था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले दिल्ली के पड़ोसी शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक फरीदाबाद में 327, गाजियाबाद में 360, नोएडा में 331, ग्रेटर नोएडा में 329, गुडगांव में 328 दर्ज किया गया। ये सूचकांक ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आते हैं।