रांची। भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा है कि राज्य सरकार ने राज्य का खजाना खाली किया है। गठबंधन सरकार के 2020-21 के खराब बजट से कैपेक्स 29.8 प्रतिशत घटा और राजस्व व्यय 10.6 प्रतिशत बढ़ा। इससे उधारी में 8.3 फीसदी की कमी आयी। पर उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय जहां स्वास्थ्य सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना चाहिए, सरकार उसके विपरीत कैपेक्स को कम कर चल रही परियोजनाओं को भी लंबित छोड़ रही है। हजारीबाग, दुमका, पलामू, जमशेदपुर के 500 बेड वाले अस्पताल इस विफलता का जीवंत उदहारण हैं। कोविड के दौरान, राज्य सरकार विशेष संसाधन जुटाने में विफल रही।
संसाधनों का प्रभावी उपयोग नहीं कर पायी सरकार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की राजस्व संरचना इस दुर्दशा का उदाहरण है। केंद्र से मिली प्राप्तियों के बावजूद, राज्य सरकार अपने उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पायी है। 2020-21 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 75,309 करोड़ होने का अनुमान है जो 2019-20 के संशोधित आंकड़ोंं में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि है। इसमें से केवल 33,490 करोड़ 44 प्रतिशत राज्य को अपने स्वयं के संसाधनों के माध्यम से जुटाने हैं। जबकि 41,819 करोड़ 56 प्रतिशत केंद्र से अनुदान के रूप में और राज्य के कर के हिस्से के रूप में आयेगा।
एनडीए सरकार ने भरा था खजाना
उन्होंने कहा कि रघुवर दास की सरकार के दौरान राजस्व प्राप्तियों में लगातार वृद्धि हुई। 2018-19 की तुलना में 2019-20 के लिए राजस्व प्राप्तियों में 29.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी अवधि के लिए पूंजी प्राप्तियों में भी 28.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के रिफॉर्म के कारण पिछले 5 वर्षों में खनन से होने वाले लाभों में लगातार वृद्धि हुई। 2020-21 की अनुमानित खनन रसीद राशि 8,000 करोड़, झारखंड की कुल राजस्व प्राप्ति का 15.6 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना काल में राज्यों के समर्थन के लिए वित्तीय वर्ष 2020 के लिए जीएसडीपी 3 से 5 फीसदी तक राज्यों के लिए उधार सीमा बढ़ा दी है। राज्य सरकार को महामारी की आपदा को अवसर में बदलते हुए वित्तीय क्षेत्र विस्तार और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करना चाहिए। झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के दौरान जनता का साथ छोड़ दिया है। झारखंड की जनता इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। इस सरकार की नीतियां इतिहास में विफलता के उदाहरण के रूप में जीवित रहेंगी। प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।

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