रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा विदेश से पढ़कर आये हैं इसलिए हमें लगता था कि वे ज्यादा बेहतर जानते और समझते होंगे। पर जो बयान उन्होंने दिया उससे हताशा हुई। बीते दस महीनों से जो भ्रम भाजपा फैला रही है उसमें जयंत सिन्हा ने आहूति दी है।
मंगलवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में ये बातें झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच फाइनेंसियल मिसमैनेजमेंट करते हुए डबल इंजन की सरकार के नाम पर पैसे उड़ाये गये। जब झारखंड में गठबंधन की सरकार बनी तो राज्य सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया। वर्ष 2014 में जब रघुवर सरकार ने जिम्मा संभाला था, तो वृद्धि दर 12.5 फीसदी थी। जब रघुवर दास के बाद वर्तमान सरकार ने व्यवस्था संभाली तो यह दर 5.7 फीसदी रह गयी थी। रघुवर सरकार में बेतहाशा कर्ज लिया जा रहा था और राज्य की संपत्तियां बेची जा रही थीं।
पूर्व की सरकार ने पीटीपीएस को एनटीपीसी को बेचा। शराब तथा एक्साइज को आउटसोर्स किया। इस सरकार ने केवल विज्ञापनों पर 400 करोड़ खर्चे। शराब बेचने के नाम पर सरकार को 800 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। जमीन दलालों को फायदा पहुंचाने के लिए एक रुपये में पचास लाख की जमीन की रजिस्ट्री की गयी। इससे राज्य को 450 करोड़ का नुकसान हुआ।
पूर्व की सरकार में 85 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया
राज्य में 18,000 करोड़ का जीएसटी घोटाला हुआ। इसके लिए कौन जिम्मेवार है। हम कोयला कंपनियों से 65,000 करोड़ रुपये पाते हैं, रेल सेल से 75,000 करोड़ पाते हैं और हम ही कर्ज लें। यानि माल महाराज का मिर्जा खेलें होली। पूर्व की रघुवर सरकार में 85,000 करोड़ का कर्ज उदय योजना के नाम पर लिया गया। सरकार ने कहा कि इसमें से 21,000 करोड़ डीवीसी को देंगे पर एक पैसा नहीं दिया। यानि खेत खाये गदहा और मार खाये जुलाहा। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार से पूर्व अर्जुन मुंडा की सरकार में झारखंड में प्रति व्यक्ति कर्ज 1200 रुपये था। रघुवर सरकार में यह कर्ज 24,000 रुपये प्रति व्यक्ति हो गया। सरकार ने जो श्वेत पत्र जारी किया था उसे जयंत सिन्हा को पढ़ लेना चाहिए था। आखिर झूठ भी बोलने का कोई आधार होना चाहिए। खेलगांव में एक व्यक्ति के लिए हेलीकॉप्टर उड़ता था। रेलवे को सबसे अधिक राजस्व धनबाद और चक्रधरपुर देता है पर रेलवे की परियोजनाओं पर राज्य सरकार को दो तिहाई खर्च उठाना पड़ता है। आरओबी बनता है तो आधा खर्च राज्य वहन करता है। और सांसद यहां आकर गलतबयानी करते हैं। आप कण-कण को बेचना चाहते थे और बेच दिया।
खजाना जिसने भी लूटा है उसका हिसाब होगा
उन्होंने कहा कि भाजपा नाटक करने के लिए जयंत सिन्हा को बुलाती है पर यह नाटक नहीं चलेगा। राज्य का खजाना जिसने भी लूटा है, उसका हिसाब होगा। हमें खाली खजानेवाला राज्य मिला था पर इस राज्य में विकास का पहिया नहीं थमेगा। केवल फिजूलखर्ची रुक जाये तो इस राज्य को आत्मनिर्भर बनने में वक्त नहीं लगेगा। सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव से पहले हम ट्रेजरी का हिसाब देंगे। भाजपा जो श्वेतपत्र जारी करेगी उसका नाम तो श्वेत पत्र होगा, पर असल में वह श्वेत पत्र नहीं, बल्कि भ्रम पत्र होगा।
भाजपा कण-कण को बेचना चाहती थी: सुप्रियो भट्टाचार्य
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