उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को 71वें संविधान दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, हमने स्वयं अपने संविधान को अंगीकार किया और स्वयं को उसके प्रति समर्पित कर दिया।
उप राष्ट्रपति ने संविधान को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाने वाले बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के कथन को याद करते हुए ट्वीट कर कहा, “संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का एक वाहन है।” उन्होंने कहा, “संविधान तो सिर्फ विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे राज्य के अंगों का प्रस्ताव मात्र करता है। जो कारक राज्य के इन अंगों को चलाते हैं वे, जनता तथा उसकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उनके द्वारा बनाए गए राजनैतिक दलों और उनकी राजनीति पर निर्भर करते हैं।”
संविधान सभा के अध्यक्ष रहे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का कथन साझा करते हुए कहा, “आखिर संविधान एक निर्जीव मशीन की तरह ही है। वो उन व्यक्तियों से जीवन पाता है जो उसे कार्यान्वित करते हैं, नियंत्रित करते हैं। भारत को सिर्फ स्वयं से ऊपर राष्ट्र हित को रखने वाले ईमानदार निष्ठावान लोग चाहिए…।”
उल्लेखनीय है कि भारत की संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 को देश के संविधान को अपनाया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने वर्ष 2015 में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के सम्मान में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।