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    Home»Breaking News»भारत आने लगे फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 लड़ाकू विमान
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    भारत आने लगे फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 लड़ाकू विमान

    azad sipahiBy azad sipahiNovember 26, 2021No Comments3 Mins Read
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    – दो लड़ाकू विमान भारत पहुंचे, जिन्हें ग्वालियर एयरबेस पर रखा गया
    – अपग्रेड करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड भेजा जायेगा

    नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 में से दो लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए हैं जिन्हें ग्वालियर एयरबेस पर रखा गया है। इन्हें अपग्रेड करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भेजा जायेगा जहां पहले से ही भारतीय वायुसेना के पास मौजूद मिराज-2000 को अपग्रेड किया जा रहा है। बालाकोट स्ट्राइक में भारतीय वायु सेना के इन्हीं लड़ाकू विमानों ने आतंकी ठिकानों पर 1000 किलो से ज्यादा विस्फोटक गिराए थे।

    भारतीय वायुसेना ने फ्रांस से 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 27 मिलियन यूरो के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। फ्रांसीसी वायुसेना के साथ किया गया यह अनुबंध भारतीय वायु सेना को मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के अपने बेड़े को बनाए रखने में मदद करेगा। यह दूसरा ऐसा समझौता है, जिस पर भारतीय वायु सेना ने ओके एयरफ्रेम खरीदने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले भी भारत ने पुराने मिराज की आपूर्ति के लिए फ्रांसीसी कंपनियों के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जो पिछले साल ग्वालियर पहुंचे हैं। नए अनुबंध के तहत फ़्रांसीसी वायुसेना से खरीदे गए 24 लड़ाकू विमानों में से 13 उड़ने के लिए तैयार स्थिति में हैं। इसमें 8 विमान मौजूदा इंजन और एयरफ्रेम के साथ सर्विसिंग के बाद उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।

    दरअसल, फ्रांस में अप्रचलित हो रहे मिराज जेट के एक स्क्वाड्रन को फ्रांसीसी वायुसेना से कुछ समय पहले चरणबद्ध तरीके से हटाया गया है। फ्रांसीसी वायु सेना अपने पुराने मिराज बेड़े की जगह नए राफेल लड़ाकू विमान ले रही है। इसलिए सितम्बर माह की शुरुआत में फ्रांसीसी वायुसेना ने अपने मिराज-2000 के पुराने बेड़े को एक मिलियन यूरो प्रति विमान की दर से भारत को बेचने पर सहमति व्यक्त की। नए अनुबंध के तहत खरीदे गए 11 लड़ाकू विमान आंशिक रूप से पूर्ण हैं, जिन्हें ईंधन टैंक और इजेक्शन सीटों के साथ अपग्रेड करके उड़ान भरने लायक बनाया जायेगा। इनमें से किसी भी विमान की आपूर्ति उड़ान करके नहीं की जाएगी। इसीलिए फ्रांस से आये दो विमानों की आपूर्ति कंटेनरों में की गई है।

    लड़ाकू विमान राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने ही मल्टीरोल फाइटर मिराज 2000 का निर्माण किया है। भारतीय वायुसेना ने 1985 में चौथी पीढ़ी के लगभग 50 लड़ाकू विमान मिराज-2000 रखरखाव अनुबंध के साथ फ्रांस से खरीदे थे। 2005 में यह अनुबंध समाप्त होने के बाद 2015-2016 में फ्रांसीसी निर्माता कंपनी के साथ एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। मौजूदा समय में वायुसेना के पास 50 मिराज-2000 हैं, जिन्हें अपग्रेड करने के लिए भी अनुबंध किया गया है। मिराज-2000 को फ़्रांसीसी सहयोग से हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में किया जा रहा है। इन्हीं के साथ फ्रांस से खरीदे गए 24 सेकेंड हैंड मिराज-2000 को भी अपग्रेड किया जाना है।

    फ्रांस से 2016 में 4.5 पीढ़ी के राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा होने से पहले तक मिराज-2000 भारत की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान था, जिसने कारगिल युद्ध में अपनी प्रतिभा का असाधारण प्रदर्शन किया। इसके बाद वायुसेना की 35 साल पुरानी मिराज फ्लीट ने 2019 में बालाकोट ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के कैंप तबाह किये थे। विमान ने अपने स्पाइस-2000 बमों को सटीक रूप से पाकिस्तान के क्षेत्र में गहरे लक्ष्य तक ले जाने के लिए दागा था। चीन से गतिरोध के दौरान गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पैन्गोंग झील के पास मिराज-2000 को तैनात किया है।

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