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    Home»Breaking News»छात्र संसद ने एक अमिट छाप छोड़ी
    Breaking News

    छात्र संसद ने एक अमिट छाप छोड़ी

    azad sipahiBy azad sipahiNovember 1, 2021No Comments3 Mins Read
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    विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का प्रयास सफल रहा

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। झारखंड विधानसभा में आयोजित छात्र संसद ने सचमुच में एक अमिट छाप छोड़ी है। कार्यवाही देखने के बाद यह कहने में कोई संकोच नहीं कि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र कुमार महतो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रयास सार्थक रहा। झारखंड में यह पहली छात्र संसद थी। कार्यक्रम को देखने के बाद दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का कहना था कि काश झारखंड विधानसभा के सत्र में भी इस तरह का माहौल दिखता। झारखंड की समस्याओं को लेकर काश हमारे विधायक भी बेचैन होते। यहां क्षेत्र की समस्याओं को उठाते और सरकार से उसका निराकरण करवाते। रविवार को इस संसद में युवाओं की बहस सार्थक रही। कार्यक्रम के दौरान न कोई शोरगुल हुआ और न ही हंगामा। दरअसल इसमें भाग लेनेवाले युवा आये तो थे संसदीय कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी लेने, लेकिन उन्होंने अपने आचरण और व्यवहार से हमारे माननीयों को ही बड़ा पाठ पढ़ा गये। इस कार्यक्रम में शामिल विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, विधायक सीपी सिंह, विधायक सरयू राय सभी ने इन युवाओं की भूमिका को सराहा।
    छात्र संसद के दौरान सभी विधायी प्रक्रिया से जुड़े हर पहलू पर फोकस किया गया। सब कुछ वैसे ही हुआ, जैसे नयी विधानसभा में होता है। प्रोटम स्पीकर ने सदस्यों को शपथ दिलायी। मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहीं प्रीति कुमारी विश्वकर्मा ने अध्यक्ष पद के लिए डेजी लकड़ा के नाम का प्रस्ताव दिया, जिसका समर्थन प्रतिपक्ष की नेता की भूमिका निभा रहीं नुपूर माला ने किया। नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष ने नये अध्यक्ष को आसन ग्रहण कराया। स्पीकर डेजी लकड़ा ने सदन की कार्यवाही को नियमानुकूल चलाया। प्रश्न काल के दौरान विपक्ष ने महंगाई, ग्रामीण विकास, आधारभूत संरचना, शिक्षा, साइबर क्राइम और चिकित्सा जैसे गंभीर विषयों को उठाया। अल्पसूचित और तारांकित प्रश्न काल के दौरान तार्किक पूरक प्रश्न कर सरकार को घेरा। मंत्रियों ने भी विकास के प्रति सकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए विपक्षी सदस्यों को अपने जवाब से संतुष्ट करने की कोशिश की। सवाल-जवाब का सिलसिला लंबा चला, कई बार स्पीकर डेजी लकड़ा को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। प्रश्न काल के बाद नेता प्रतिपक्ष नुपूर माला ने बढ़ती महंगाई पर कार्यस्थगन पेश किया। कहा, राज्य में महंगाई चरम पर है, घरेलू सामान से लेकर पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। क्या मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने जन सामान्य को कोई सुविधा उपलब्ध करायी। उन्होंने तमाम विधायी कार्यों को रोककर इस विषय पर चर्चा की बात उठायी। हालांकि स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा पेश किये गये कार्यस्थगन को अमान्य कर दिया। इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री की भूमिका निभा रहे मनीष कुमार मिश्रा ने झारखंड वृक्ष संरक्षण विधेयक 2021 पेश किया, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जम कर बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि जब पहले से ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर तमाम कानून हैं, तो एक नया विधेयक लाने की क्या आवश्यकता है। सरकार पहले पूर्व के कानूनों को सख्ती से अमल में लाये। पहली पाली के बाद दूसरी पाली में भी इस विषय पर बहस हुई। विपक्ष ने विधेयक पर कई संशोधन पेश किये। इसमें एक संशोधन पर मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहीं प्रीति कुमारी विश्वकर्मा ने सहमति जतायी, जबकि अन्य संशोधनों को वन एवं पर्यावरण मंत्री की भूमिका निभा रहे मनीष कुमार मिश्रा ने अपने तर्कों से काट दिया। लंबी बहस के बाद विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया।

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