रांची । झारखंड में मनरेगा में 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले पर ईडी ने रिपोर्ट मांगी है। ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास सचिव को पत्र लिखकर मनरेगा में हुए 100 करोड़ घोटाले को लेकर पूरी जानकारी मांगी है। जानकारी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि मनरेगा में सामग्री की खरीदारी में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। इसे लेकर कई माध्यमों से ईडी को शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने के बाद ईडी ने इस पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। ईडी के पत्र से ग्रामीण विकास विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। यह तय माना जा रहा है कि इस मामले में राज्य स्तर से जिला-प्रखंड स्तर पर कई अफसर-कर्मचारी व सप्लायर फंसने वाले हैं। इसके पहले ईडी ने मनरेगा के ही एक दूसरे घोटाले में सीनियर आईएएस पूजा सिंघल का गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक इंटेलिजेंस विनोद कुमार के हस्ताक्षर से लिखे गये पत्र में झारखंड में 100 करोड़ से अधिक के स्कैम के मामले में अब तक की गई एफआईआर, चार्जशीट,कार्रवाई इत्यादि पर पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है। दर्ज प्राथमिकी पर कॉपी भी मांगी गयी है। ईडी ने यह भी कहा है कि इस मैटर पर कोई और व्यक्ति, जिनकी भूमिका बड़ी है, तो उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाये, ताकि पीएमएलए 2002 के अनुसार उसके ऊपर कार्रवाई शुरू की जा सके। पूरे मामले पर ईडी के संयुक्त निदेशक की सहमति से ग्रामीण विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा योजना में बड़े पैमाने विगत वर्षों में सामग्री खरीद पर गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। रांची जिले के मांडर-राहे प्रखंड व लातेहार के हेरहंज ब्लॉक इसमें सबसे अव्वल है। इसके अलावा पूरे राज्य में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन के लिए ईंट, पशु शेड,स्टोन सहित अन्य विभिन्न तरह की सामग्री की खरीद में गड़बड़ी की आशंका है।
एक साल पहले पूर्व ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने गड़बड़ी पकड़ी थी। उन्होंने 200 करोड़ रुपये की संदिग्ध निकासी किए जाने का मामला सामने लाया था। मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में इस राशि की निकासी की गयी थी। सचिव ने कहा था कि यह पूरी तरह से संदेहास्पद लग रहा है। सचिव ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की भी अनुशंसा की थी।