झारखंड की राजनीति में एक बार फिर राजनीतिक खलबली मच गयी है। मनरेगा के सहारे अवैध खनन और मनी लांड्रिंग की जांच से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में आरोप-प्रत्यारोप के वाण चल रहे हैं। एक तरफ विपक्ष ट्रिपल पी के बहाने मुख्यंमत्री को घेरने की फिराक में है, तो दूसरी तरफ सरयू राय ने ट्रिपल आर की चर्चा कर रघुवर दास को भी लपेटे में ले लिया है। आज की यह मौजूदा स्थिति है। वैसे इडी की एंट्री ने तो झारखंड में पहले से ही सियासी तापमान बढ़ा दिया था। झारखंड में सरकार गठन के बाद से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूपीए गंठबधन का मजबूत वट वृक्ष तैयार किया था। वह लगातार आगे बढ़ रहे थे कि आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, सत्ता के गलियारों में दलाली के लिए मशहूर प्रेम प्रकाश, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी ने उस वट वृक्ष को हिलाना शुरू कर दिया। इडी की कार्रवाई से वह वटवृृक्ष लगातार कमजोर हो रहा है। ज्यों-ज्यों इडी अवैध खनन के तह में जाने लगी, सत्ता के करीब रहे पांच प्यादे (पूजा सिंघल, सुमन कुमार, प्रेम प्रकाश, पीके मिश्रा और अमित अग्रवाल) से पूछताछ में हर दिन नये राज खुलने लगे। एक तरफ जहां सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साहिबगंज स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत मिले, वहीं प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल के कारनामों से संबंधित चौंकाऊं जानकारी से इडी को नया बल मिला। अव्वल तो पूजा सिंघल के भ्रष्टाचार की गाथा अकेले ही सत्ता पक्ष की कब्र खोदने को काफी थी, इसी बीच झामुमो के कोषाध्यक्ष रहे रवि केजरीवाल के बयान ने इडी को एक मजबूत आधार दे दिया। उन्होंने इडी को कई अहम जानकारियां उपलब्ध करा दीं। पांच प्यादे और रवि केजरीवाल के बयान ने ही इडी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए समन जारी करने का पुख्ता आधार दे दिया। उसी आधार पर हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है। उसने मुख्यमंत्री को आज यानी 3 नवंबर को साढ़े 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। इस बीच हेमंत सोरेन का 15 नवंबर तक का जो कार्यक्रम घोषित हुआ है, उससे लगता है कि पहले से कार्यक्रम का शिड्यूल फिक्स होने के कारण हेमंत सोरेन शायद ही उपस्थित हों, क्योंकि 3 नवंबर को वह रायपुर रहेंगे, ऐसा सरकार के शेड्यूल से लग रहा है। फिलहाल समन के बाद झारखंड की राजनीतिक फिजाओं में बयानों के तीर चलने लगे हैं। कुछ दिन पहले ही झारखंड के राज्यपाल ने भी झारखंड में एटम बम फूटने के संकेत दे दिये थे। उन्होंने इशारा कर दिया था कि उनके पास पड़े लिफाफे में से कभी भी छिपा हुआ राज बाहर आ सकता है। मुख्यमंत्री भी उस राज के बाहर निकलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वह बार-बार यह कह रहे हैं कि वे डरनेवाले नहीं हैं। हर परिस्थिति का मुकाबला करेंगे। इडी के समन के बाद झारखंड की राजनीतिक फिजाओं में क्या कुछ तैर रहा है, सत्ता पक्ष और विपक्ष के तरकश से कैसे-कैसे तीर निकल रहे हैं। इसे बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
पहले इडी के समन की बात। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी कर दिया है। इडी ने मुख्यमंत्री को 3 नवंबर को 11:30 बजे रांची स्थित इडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। 3 तारीख की पूछताछ से पहले 2 नवंबर की शाम को महागठबंधन के विधायकों की बैठक बुलायी गयी। जेएमएम, कांग्रेस और राजद विधायकों को तत्काल रांची पहुंचने का आदेश दिया गया। इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम का सामना करने के लिए रणनीतियां बनायी गयीं। इधर मुख्यमंत्री को समन भेजने के साथ ही इडी ने झारखंड पुलिस महानिदेशक को इस सिलसिले में एक पत्र लिख दिया। इसमें तीन नवंबर को इडी कार्यालय में सुरक्षा का विशेष प्रबंध करने का अनुरोध किया गया है।
समन जारी करने का आधार क्या है?
मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए समन जारी करने का मुख्य कारण उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा द्वारा अवैध खनन में शामिल होने और 42 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के अलावा अन्य कई मामले हैं। इसमें मनी लांड्रिंग के आरोप में फंसी आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को खान विभाग में पदस्थापित करने के कारणों के अलावा प्रेम प्रकाश के घर से मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के नाम आवंटित दो एके-47 और 60 गोलियों का मिलना शामिल है। सबसे बड़ा आधार जो माना जा रहा है, वह है झामुमो के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल का इडी को दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल की सत्ता तक पहुंच के बारे में बताया है।
मैं इडी से घबराता नहीं हूं : हेमंत सोरेन
इडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि वह इडी से डरते नहीं हैं। उन्होंने इससे पहले भी बार-बार यह आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर सब कुछ हो रहा है। इधर मुख्यमंत्री कार्यालय ने 15 नवंबर तक का शेड्यूल जारी कर दिया है। उसके अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 3 नवंबर को रायपुर में होगे। 2 नवंबर को मुख्यमंत्री साहिबगंज में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम विरोधियों पर जम कर बरसे। मंच से मुख्यमंत्री ने इडी का जिक्र करते हुए कहा, विपक्ष के अनुरोध पर इडी की जांच चल रही है, हमें भी बुलाया गया है। हम इससे घबराते नहीं हैं। समन भेज कर हमें यह बताया गया कि देखो इडी कितनी पावरफुल है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी को बुला सकते हैं, तो मुख्यमंत्री को भी बुला सकते हैं। इससे हमारी पहचान और छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अगर उनके ये करने से हो गया, तब तो कहानी खत्म। विरोधियों की तरफ इशारा करते हुए सीएम ने कहा, विपक्षी राजनीतिक रूप से नहीं सके, तो इस तरह प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल एटम बम का लिफाफा लेकर घूमते हैं, बम तो नहीं फोड़ते, लेकिन मुंह से बोलते हैं।
सड़क से सदन तक जवाब देने के लिए तैयार: सुप्रियो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इडी द्वारा समन भेजने के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा और राज्यपाल पर भी हमला बोला है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2019 में जो जनादेश मिला था, उस जनादेश का इन्क्रोचमेंट किया जा रहा है। विपक्ष साजिश के तहत हेमंत सरकार को अस्थिर करने में लगा है। माइनिंग लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग के भेजे मंतव्य को पहले तो राज्यपाल तीन माह तक सार्वजनिक नहीं करते, फिर कहते हैं कि वह आयोग से सेकेंड ओपिनियन मांग रहे हैं। साफ है कि आयोग स्वायत्त नहीं रह गया है। अगर रहता, तो आज यह स्थिति नहीं बनती। सुप्रियो ने कहा कि झामुमो कार्यकर्ताओं में इससे जबरदस्त आक्रोश है। जिन्होंने भी साजिश रची है, वे बहुत जल्द झामुमो के उसी तेवर को देखेंगे, जो चार दशक (झारखंड आंदोलन को लेकर) तक देखने को मिला था। कार्यकर्ता अब सड़क से सदन तक नजर आयेंगे। हम इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नहीं हैं। हम बतायेंगे कि उन्होंने रांग नंबर डायल किया है। मीडियाकर्मियों ने जब सुप्रियो से पूछा कि पंकज मिश्रा, दाहू यादव, प्रेम प्रकाश के साथ क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कोई संबंध है। इस पर सुप्रियो ने कहा कि पंकज मिश्रा को छोड़ कर हम किसी को नहीं जानते। जब उनसे पूछा गया कि आप मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं। इस पर सुप्रियो ने मैं कहा कि मुख्यमंत्री का नहीं, अपने कार्यकारी अध्यक्ष और सरकार को डिफेंड कर रहा हूं। क्योंकि चुनाव में जनादेश झामुमो को मिला है। सुप्रियो ने सवाल किया कि मनरेगा घोटाले की सीबीआइ जांच को आखिर इडी ने अपने हाथ में क्यों लिया। क्यों यह जांच माइनिंग लीज तक पहुंच गयी। मतलब साफ है कि पूरी स्क्रिप्ट सुनियोजित तरीके से लिखी गयी। आज जब अपनी साजिश में विपक्ष फेल हो गया, तो इडी को मोहरा बनाया गया। आदिवासियों की आंख में धूल झोंकने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी चेहरे को चुना और बलि लेने का मन बनाया गया एक आदिवासी मुख्यमंत्री को। राज्यपाल पर निशाना साधते हुए सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के मंतव्य को सार्वजनिक तो नहीं किया। हां, रांची से दूर और नागपुर के पास रायपुर में जाकर बोलते हैं कि वह चुनाव आयोग से सेंकेंड ओपिनियन ले रहे हैं। सभी जानते हैं कि सेंकेड ओपिनियन किसके इशारे पर लिया गया है। नेशनल मीडिया में एक नैरेटिव सेट किया गया है कि मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जा सकता है, या उन्हें डिबार किया जा सकता है। देखा जाये, तो सेकेंड ओपिनियन इसी के लिए लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से लोगों में आक्रोश है। हम लोग लंबे संघर्ष के लिए तैयार हो रहे है। सड़क से सदन तक जवाब देने के लिये तैयार हैं।
जनादेश का मतलब लूट का लाइसेंस नहीं: बाबूलाल मरांडी
सीएम के समन को लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अगर इडी ने बुलाया है, तो वह यूं ही नहीं है। बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने राज्य को गुंडे-मवालियों को सौंप दिया और खुद संपत्ति बनाने में लगे रहे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत जी शायद ये भूल गये कि जनादेश का मतलब लूट का लाइसेंस नहीं होता। वोट से लूट के पाप को कवर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आपने लूटा है तो सजा भुगतने को भी तैयार रहिए। देश का कानून अपना काम कर रहा है। आप बेकुसूर होंगे तो बेदाग निकल जाइयेगा। वैसे पब्लिक सब देख-समझ रही है। बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार व्यवसायी अमित अग्रवाल की एक तस्वीर शेयर करके भी सवाल उठाये हैं।
सच कभी छिपता नहीं: रघुवर दास
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार पर कटाक्ष किया है। कहा है कि जल-जंगल-जमीन के नाम पर सत्ता पानेवाली हेमंत सरकार ने इनका ही सौदा करना शुरू कर दिया। हेमंत राज में प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची हुई है। जब भी हेमंत सरकार सत्ता में आयी है, अखबार बालू-पत्थर की लूट, ट्रांसफर-पोस्टिंग में वसूली जैसी खबरों से भरे रहते हैं। रघुवर ने कहा कि सच कभी छिपता नहीं है। फरवरी में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर इन मुद्दों को पुख्ता सबूत के साथ सामने रखा था। अब जांच में भी सारे तथ्य सामने आ रहे हैं। आज राज्य की परिस्थिति के लिए हेमंत सोरेन जिम्मेवार हैं। सबूत मिलने के बाद भी अपने विधायक प्रतिनिधि को नहीं हटानेवाले हेमंत से इस्तीफे की उम्मीद बेमानी है।
हेमंत सरकार से ज्यादा रघुवर राज में हुआ भ्रष्टाचार, इडी रघुवर से भी पूछे: सरयू राय
इधर अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से समन भेजे जाने के बाद विधायक सरयू राय ने एक बार फिर पूर्व सीएम रघुवर दास से भी पूछताछ करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि हेमंत सरकार से ज्यादा रघुवर सरकार के समय में भ्रष्टाचार हुआ था। इडी ने झारखंड के भ्रष्टाचार के मामले में दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। दोनों चार्जशीट बताती हैं कि भ्रष्टाचार और अवैध कमाई 2020 से 2022 से ज्यादा 2015 से 2019 के बीच हुई। उस समय रघुवर दास की सरकार थी। सरयू राय ने कहा कि पूजा सिंघल मामले में तो पूरी काली कमाई 2013-19 के बीच हुई है, जबकि पंकज मिश्रा मामले में पीरपैंती से बिना चालान रेलवे रैक से दो तिहाई काली कमाई 2015-19 के बीच हुई है। इडी थ्री आर (रघुवर, राजबाला और राकेश चौधरी) से पूछताछ भी करे। उन्होंने भाजपा से भी इस पर संज्ञान लेकर भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
रवि केजरीवाल का बयान बना आधार
कभी सोरेन परिवार के करीबी रहे रवि केजरीवाल का इडी ने बीते 21 जुलाई को बयान लिया था। रवि केजरीवाल ने बयान में कहा था कि एक दिन, वह सीएमओ में मौजूद थे, जब पंकज मिश्रा को पत्थर खनन और रेत खनन व्यवसाय से संथाल परगना से आने वाले रुपए को सीधे प्रेम प्रकाश को सौंपने का निर्देश दिया गया था। आगे यह भी कहा गया था कि प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल को रुपया सौंपेंगे। रवि केजरीवाल ने यह भी कहा कि प्रेम प्रकाश, हेमंत सोरेन और अमित अग्रवाल के काफी करीबी हैं। पूजा सिंघल को अमित अग्रवाल से नजदीकी के कारण खनन सचिव झारखंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। जांच में इडी को रुपए के लेनदेन से संबंधित कई अहम जानकारी मिली है। इडी आश्वस्त है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन से पूरी तरह वाकिफ थे और उन्हें इससे आय प्राप्त हुए थे।
अवैध खनन मामले में गिरफ्Þतार आरोपियों और रवि केजरीवाल के बयान ही हेमंत सोरेन को समन भेजने के लिए इडी को आधार दिया है। आगे देखना यह है कि इस जांच का क्या फलाफल निकलता है और झारखंड का राजनीतिक भूचाल किस छोर पर पहुंच कर विराम पाता है।