-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में अनर्गल ,असंवैधानिक बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी भाजपा: समीर उरांव
-नरेंद्र मोदी ने जनजाति समाज के लिए जितना किया, झामुमो सात जन्मों में नही सोच सकता
रांची । भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद समीर उरांव ने झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए आक्रोश व्यक्त किया है। श्री उरांव ने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य विक्षिप्त मानसिकता से ग्रस्त हो चुके हैं, इसलिए उनका इलाज मानसिक आरोग्यशाला कांके में कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा को इससे दिक्कत है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित किया गया, इस पर झामुमो को दिक्कत है। आजादी के 75 वर्षों के बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते जनजाति समाज के लिए पीएम जनमन योजना के माध्यम से 24 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की शुरूआत हुई, यह झामुमो को पसंद नही है।
उन्होंने कहा कि भारत देश एक है। प्रधानमंत्री संवैधानिक रूप से राज्य के किसी हिस्से में कार्यक्रम में शामिल होने जा सकते हैं, लेकिन झामुमो को अगर प्रधानमंत्री का यह दौरा राज्य सरकार को डिस्टर्ब करनेवाला लगे, तो फिर ऐसी सोच का संवैधानिक उपचार भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जिस मंच पर राज्य के महामहिम राज्यपाल, स्वयं मुख्यमंत्री उपस्थित हों, राज्य का प्रशासनिक तंत्र काम में जुटा हो उसे डिस्टर्बिंग आयोजन बताना पूरी तरह असंवैधानिक है। कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनकी पार्टी झामुमो के इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
श्री उरांव ने कहा कि झामुमो की जनजाति समाज की चिंता उस समय कहां चली जाती है, जब लाखों आदिवासी भाई बहनों को उनकी धर्म संस्कृति से काट कर धर्मांतरित कराया जा रहा। झामुमो आदिवासी बहन बेटियों की लूटती इज्जत पर कब चिंता व्यक्त करेगा। झामुमो पहाड़िया बेटी की टुकड़ों में हत्या होने पर क्यों चुप्पी साधे बैठ जाता है।
झामुमो बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण पूरे राज्य की बदलती डेमोग्राफी पर क्यों मुंह नही खोलता है। झामुमो प्रवक्ता लव जिहाद में आदिवासी बेटियों के हो रहे शोषण पर क्यों कुछ नही बोलता।
उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासी दारोगा संध्या टोपनो की हत्या गो तस्करों ने कर दी, झामुमो का मुंह नही खुला। होनहार आदिवासी बेटी दारोगा रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत पर झामुमो मौन बैठा रहा।
उन्होंने कहा कि राज्येके अनेक होनहार आदिवासी युवकों की हत्या हेमंत राज में हुई, फिर भी झामुमो चुप रहा। उन्होंने कहा कि झामुमो कैसा आदिवासी हितैषी है। क्या आदिवासी वही कहा जायेगा जो मुख्यमंत्री बन कर आदिवासियों का जमीन लूट ले। आदिवासियों के लिए आवंटित औद्योगिक जमीन को अपने परिवार के नाम कर दे। क्या आदिवासी का हितैषी वही माना जायेगा जो राज्य के जल जंगल जमीन, खान खनिज, बालू, पत्थर को दलालों, बिचौलियों से लुटवाये।
समीर उरांव ने कहा कि झामुमो के लिए शिबू सोरेन परिवार ही केवल आदिवासी है। इसलिए दूसरे किसी आदिवासी नेता और आदिवासियों की भलाई सोचने वाला प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष झामुमो को पसंद नहीं।
उन्होंने कहा कि अलग झारखंड राज्य बनाने से लेकर राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़े, महिला, युवा सभी के कल्याण के लिए भाजपा संकल्पित और समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने जनजाति समाज के लिए जितना कर दिया, उतना झामुमो सात जन्मों में नहीं कर सकता। झामुमो के पास न नीति है और न नियत है।