भोपाल । भारत के संपूर्ण विकास और उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वाधीनता के ‘अमृत काल’ में ‘पंच प्राण’ के संकल्प का आह्वान सभी देशवासियों से किया और कहा था कि अगले 25 साल की यात्रा भारत के लिए ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ है और उन्होंने इस ‘‘अमृत काल’’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘‘पंच प्राण’’ का आह्वान किया। इसी को पुन: सोशल मीडिया के माध्यम एक्स से भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सभी को याद दिलाया है ।
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने जिन पंच प्राणों का जिक्र किया है उसमें सबसे पहले उन्होंने कहा है कि ‘‘हमें पंच प्राण को लेकर 2047 तक चलना है। जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है।’’प्रधानमंत्री ने ‘‘विकसित भारत’’ को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को उन्होंने दूसरा प्राण बताया और कहा था कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। इस सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी है, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी।