राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर महज 8 दिन शेष रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां जोर आजमाइश में लगी हैं। इधर राहुल गांधी ने पहले पायलट और गहलोत के बीच चल रहे सियासी विवाद को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस एक है और एकजुट होकर कांग्रेस जीत हासिल करेगी। राहुल गांधी के इस सियासी दांव को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है। सियासत में राहुल गांधी के इस दांव को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। जहां गहलोत गुट अपने हिसाब से इस बयान का मायने निकाल रहा है, वहीं पायलट गुट भी राहुल गांधी के इस संकेत का अलग मतलब निकाल रहा है। सियासत में यह सवाल उठ रहा है कि राहुल गांधी की एकता का यह संदेश कारगर साबित होगा? क्या एकजुटता दिखाने वाली यह तस्वीर कांग्रेस में वाकई में जान फूंक पायेगी। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि विधानसभा चुनाव के महज कुछ दिन पहले राहुल गांधी के इस एकजुटता वाले संदेश की अचानक क्या जरूरत पड़ गयी, जबकि पायलट को मनाने के बाद से ही कांग्रेस बार-बार यही दावा कर रही है कि अब सब ठीक है। कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में चर्चा है कि क्या वाकई में पायलट और गहलोत के बीच मतभेदों को लेकर कांग्रेस में डर है। शायद इसी वजह से राहुल गांधी ने ‘सब एक हैं’ के माध्यम से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

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