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    Home»Jharkhand Top News»टनल हादसा: आयी मंगलघड़ी, निकले मजदूर
    Jharkhand Top News

    टनल हादसा: आयी मंगलघड़ी, निकले मजदूर

    adminBy adminNovember 28, 2023No Comments4 Mins Read
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    -17 दिन से 41 मजदूर सुरंग में फंसे थे
    – झारखंड के 15 मजदूर भी सुरक्षित
    -अस्पताल में कराया गया भर्ती
    -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जतायी खुशी
    आजाद सिपाही संवाददाता
    उत्तरकाशी। आखिरकार 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार को वह ‘मंगलघड़ी’ आयी जिसका ना सिर्फ मजदूरों के परिवारों बल्कि पूरे देश को इंतजार था। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का अभियान मंगलवार देर रात पूरा हो गया। टनल के अंदर से 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। टनल से मजदूर के निकलते ही एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों को सुरक्षित सकपशल निकाले जाने पर खुशी जाहिर की और उन्होंने बधाई व शुभकामनाएं दी।
    गौरतलब है कि 400 से अधिक घंटे तक देसी-विदेशी मशीनों और एक्सपर्ट ने मुश्किलों और चुनौतियों से भरे मिशन में हर बाधा को पार करते हुए मजदूरों को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया। मलबे में 800 एमएम की पाइप डालकर एक स्केप टनल बनाया गया जिसके जरिए मजदूरों को बाहर निकाला गया। टनल के भीतर और बाहर 41 एंबुलेंस तैनात किये गये थे। मजदूरों को बाहर निकालने के बाद सीधे अस्पताल ले जाया गया। हेल्थ चेकअप और आवश्यक इलाज के बाद ही उन्हें घर भेजा जायेगा।
    रैट माइनर्स का अहम योगदान:
    सुरंग में सिलक्यारा छोर पर करीब 60 मीटर तक मलबे में सुराख किया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई एजेंसियों ने एक साथ मिलकर दिन रात काम किया। करीब 50 मीटर की ड्रिलिंग आॅगर मशीन से की गयी थी। इसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए खुदाई की गयी। इस में रैट माइनर्स का अहम योगदान रहा। रैट माइनर्स ने बेहद मुश्किल परिस्थिति में काफी तेजी से काम किया और उस काम को कर दिखाया जिसमें मशीन भी फेल हो गयी।
    दिवाली की सुबह हुआ था हादसा
    उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (आॅलवेदर रोड) के लिए निमार्णाधीन सुरंग में रविवार को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाइवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गये। हादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गयी।
    पाइपलाइन थी लाइफलाइन
    सुरंग से पानी निकासी के लिए लगायी गयी एक पौने चार इंच की पाइप लाइफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को आॅक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गये। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गयीं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।
    प्रधानमंत्री लगातार नजर रखे हुए थे:
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रेस्कयू आॅपरेशन पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोनकर रेस्क्यू आॅपरेशन की अपडेट ली। मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने रेस्क्यू टीम के सदस्यों समेत सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जाहिर की:
    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों के सुरक्षित निकलने पर खुशी जाहिर की। उनके निर्देश पर झारखंड की टीम इत्तराखंड में मौजूद है। टीम लगातार मजदूरों का खयाल रख रही है। साथ ही उत्तराखंड पहुंचे मजदूरों के परिजनों को भी सभी तरह की सुविधायें मुहैया करायी गयी थीं। उन्होंन रेस्कयू टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। राज्य सरकार स्वास्थ्य जांच के बाद जल्द ही मजदूरों को झारखंड वापस लायेगी।

    बॉक्स के लिए
    किस राज्य के कितने मजदूर
    झारखंड- 15
    उत्तर प्रदेश- 8
    ओडिशा-5
    बिहार-5
    पश्चिम बंगाल-3
    उत्तराखंड-2
    असम-2
    हिमाचल प्रदेश -1

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