रांची। इंडिया ब्लॉक की संयुक्त प्रेस वार्ता शनिवार को रांची प्रेस क्लब में आयोजित की गयी। गठबंधन के नेताओं ने प्रेस वार्ता कर बताया कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है। गठबंधन में तय सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन किया है। महागठबंधन के तहत जेएमएम 43 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कांग्रेस 30, आरजेडी 6 सीटों पर और माले 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। धनवार विधानसभा सीट पर माले के साथ दोस्ताना संघर्ष होगा, विश्रामपुर और छतरपुर में जल्द फैसला लिया जायेगा। संयुक्त प्रेस वार्ता में झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश,आरजेडी उपाध्यक्ष अनीता यादव और माले कर शिवेंदु सेन मौजूद रहे।

चुनाव में सभी संगठित होकर काम करते हैं : केशव महतो
मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि 5 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का झारखंड दौरा है। कांके विधानसभा और मांडू विधानसभा क्षेत्र में वे सभा करेंगे। वहीं 8 नवंबर को राहुल गांधी सिमडेगा और लोहरदगा में कार्यक्रम करेंगे। 9 नवंबर को डाल्टेनगंज और हजारीबाग में सभा करेंगे। वहीं जमशेदपुर में रोड शो भी प्रस्तावित है। एक सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस में टिकट बिकता नहीं है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता, उनमें थोड़ा संतोष रहता है। लेकिन चुनाव के समय सभी संगठित होकर काम करते हैं।

धनवार सीट पर माले के साथ दोस्ताना संघर्ष होगा : जेएमएम
जेएमएम महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि धनवार सीट पर माले के साथ दोस्ताना संघर्ष होगा। जहां तक सीटों की संख्या की बात है तो 30 सीट कांग्रेस पार्टी का क्लेम है और राजद का भी क्लेम इस तरह से तो यह राजद कांग्रेस और गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन के साथ बातचीत हो रही है और हम समझते हैं कि एक-दो दिनों के अंदर में हम लोग स्पष्ट कर देंगे कि विश्रामपुर में किस दल के प्रत्याशी होंगे और छतरपुर में किस दल के प्रत्याशी होंगे। हम लोग सभी चीज ठीक करके और मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे तो उसके पीछे कोई कारण है और बातचीत जारी है। हमको लगता है कि एक दो दिनों में स्पष्ट होगा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के सभी स्टार प्रचारक की लिस्ट जारी कर दी गयी है। हम किसी से कम नहीं हैं और सामने वाले से दुगने हैं तो हम कहां से बैक फुट पर हैं। प्रदेश आरजेडी नेता अनिता यादव ने कहा कि इतना कुछ होने के बाद भी हम लोग साथ हैं। तीन जगह दोस्ताना संघर्ष के बाद भी महागठबंधन मजबूत है और हम एक साथ ही लड़ेंगे और 5 साल जैसे काटे वैसे ही अगले पांच साल सरकार चलायेंगे।

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