नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ओडिशा राज्य में पर्यटन से जुड़ी असंख्य अवसर मौजूद हैं। हमें इस दिशा में विभिन्न क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। आज ओडििशा की सरकार विरासत और पहचान को बहुत महत्व देती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ‘ओडिशा पर्व 2024’ कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में आधुनिक बदलावों को आत्मसात करते हुए हमें अपनी जड़ों को मजबूत करना है और ओडिशा पर्व इसका एक माध्यम बन सकता है।

ओडिशा की भौगोलिक स्थिति को वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए बेहतरीन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां से डोमेस्टिक और अंतरराष्ट्रीय मार्केट तक पहुंचे आसान है। पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए ओडिशा वाणिज्य की दृष्टि से काफी महत्व रखता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में ओडिशा में कई सालों बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि 10 साल से चल रहे प्रयास से ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों से मिले आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान ओडिशा सरकार की बिजनेस को आसान बनाने की दिशा में किया जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि उत्कर्ष, उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में नई सरकार के बनते ही 100 दिनों के भीतर 45 हजार करोड़ रुपये की निवेश को मंजूरी मिली है।

उन्होंने कहा कि एक समय ओडिशा को पिछड़ा माना जाता था लेकिन वह मानते हैं कि राज्य विकास का इंजन साबित हो सकता है। भारत सरकार ने पूर्वी भारत में विकास को काफी महत्व दिया है आज यहां हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।

ओडिशा के आदिवासी समुदाय से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनके नेतृत्व में उड़ीसा देश को मजबूत नेतृत्व प्रदान कर रहा है। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण करोड़ों रुपये के परियोजनाएं आदिवासी समुदाय के विकास के लिए चलाई जा रहे हैं।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

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