फिउग्गी (इटली)। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को इटली के मध्ययुगीन शहर फिउग्गी में हिंद-प्रशांत के भागीदारों के साथ जी-7 विदेश मंत्रियों के सत्र में अहम बात कही। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक प्रयासों का युग है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को व्यावहारिक समाधान के साथ चतुर कूटनीति की जरूरत होगी। इसके अलावा अधिक समायोजन और अधिक खुली वार्ता की आवश्यकता होगी। जी-7 इसमें भागीदार हो सकता है।जयशंकर ने फिउग्गी के इस आयोजन के कुछ चित्र और संबोधन का विवरण एक्स हैंडल पर साझा किया है। उन्होंने खासतौर पर छह बातों का जिक्र किया है। उन्होंने क्वाड के उभार को उल्लेखनीय घटनाक्रम करार देते हुए कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र नए संबंधों और साझेदारी समेत महत्वपूर्ण परिवर्तनों से गुजर रहा है।
जयशंकर ने एक्स पर कहा कि फिउग्गी में इंडो-पैसिफिक भागीदारों के साथ जी-7 विदेश मंत्रियों के सत्र में हिस्सा लेकर खुशी हुई। जयशंकर ने कहा कि सत्र में उन्होंने छह मुद्दों पर चर्चा की-1-समुद्री, अर्धचालक, आपूर्ति शृंखला आदि जैसे क्षेत्रों में अधिक सहयोग।2-अधिक संसाधन, बड़ी गतिविधियों और परियोजनाओं का समर्थन। अस्थिर ऋण से कैसे बचें। 3-शासन, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, आपदा लचीलापन और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन।4-दुनिया के आम लोगों की सेवा। वैश्विक भलाई में योगदान। अंतर-संचालन। 5-अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ-साथ लाभ की पारस्परिकता का सम्मान।6- इंडो-पैसिफिक नीति निर्माता सही विकल्प कैसे चुने।