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    Home»विशेष»दूसरे चरण वाली 38 सीटों पर क्या है मुकाबले का सीन
    विशेष

    दूसरे चरण वाली 38 सीटों पर क्या है मुकाबले का सीन

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 20, 2024No Comments12 Mins Read
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    विशेष
    सीएम, चार कैबिनेट मंत्री और स्पीकर की भी तय होगी किस्मत
    नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी उतरे हैं मुकाबले में
    आजसू और जेएलकेएम के सुप्रीमो भी हैं जनता की अदालत में
    राकेश सिंह
    झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 38 सीटों पर मतदान होना है, उनमें संताल परगना की 18 और उत्तरी छोटानागपुर की 18 सीटों के अलावा दो सीटें दक्षिणी छोटानागपुर की हैं। इन सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन 38 सीटों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी कैबिनेट के चार मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू और जेएलकेएम सुप्रीमो, मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन और भाभी सीता सोरेन समेत कई लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें से कई सीटों पर त्रिकोणीय, तो कुछ पर सीधा मुकाबला है।

    1 मधुपुर: सीधे मुकाबले में मंत्री हफीजुल हसन
    मधुपुर में मंत्री हफीजुल अंसारी को भाजपा के गंगा नारायण सिंह से चुनौती मिल रही है। अंसारी के पिता हाजी हुसैन अंसारी यहां से विधायक हुआ करते थे। कोरोना काल के दौरान उनका निधन हो गया था। इसके बाद अंसारी को मंत्री बनाया गया। उप चुनाव में वह विधायक बने थे। यहां से पहले भाजपा के राज पलिवार विधायक थे। मंत्री भी रहे थे। इस बार भाजपा ने उनको टिकट नहीं दिया है।

    2. दुमका: बसंत सोरेन को टक्कर दे रहे हैं सुनील
    दुमका सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन जीते थे। बाद में उन्होंने यह सीट खाली कर दी थी और उप चुनाव में उनके छोटे भाई बसंत सोरेन जीते थे। 2019 में पहली बार हेमंत सोरेन ने भाजपा प्रत्याशी लुइस मरांडी को हराया था। उप चुनाव में बसंत सोरेन ने भी लुइस मरांडी को हराया था। इस बार भाजपा ने सुनील सोरेन को उतारा है।

    3. देवघर: भाजपा की हैट्रिक रोकने में जुटा राजद
    देवघर सीट से भाजपा के नारायण दास हैट्रिक लगाने उतरे हैं। उन्हें राजद के सुरेश पासवान चुनौती दे रहे हैं। सुरेश पासवान के लिए बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सभा भी हो चुकी है।

    4. जामताड़ा: इरफान अंसारी को सीएम की भाभी की चुनौती
    जामताड़ा में भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को उतारा है। उनके सामने कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ इरफान अंसारी हैं। इरफान भी हैट्रिक लगाने की कगार पर हैं।

    5. जरमुंडी: बादल की हैट्रिक रोकने के लिए देवेंद्र कुंवर
    जरमुंडी से दो बार के विधायक और एक बार मंत्री रहे बादल के सामने भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुंवर हैं। बादल की हैट्रिक रोकने के लिए भाजपा कोई कसर बाकी नहीं रख रही है।

    6. गोड्डा में भाजपा के सामने राजद का चैलेंज
    गोड्डा से अमित मंडल को भाजपा ने फिर प्रत्याशी बनाया है। राजद के संजय यादव उनको टक्कर दे रहे हैं। यहां से पिछले दो बार से भाजपा जीत रही है। एक बार संजय यादव भी विधायक रहे हैं।

    7. पोड़ैयाहाट: पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी हैं प्रदीप यादव
    पोड़ैयाहाट सीट पर प्रदीप यादव पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान हैं। राज्य गठन के बाद से इस सीट पर प्रदीप यादव का कब्जा रहा है। उन्हें भाजपा के देवेंद्र सिंह चुनौती दे रहे हैं।

    8. पाकुड़: कांग्रेस के सामने आजसू
    पाकुड़ से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है। आलम अभी जेल में बंद हैं। वहीं आजसू ने यहां से अजहर इस्लाम को मैदान में उतारा है। वह भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है।

    9. महेशपुर: स्टीफन मरांडी पर झामुमो को भरोसा
    सात बार दुमका से जीतने वाले अपने दिग्गज नेता स्टीफन मरांडी को झामुमो ने महेशपुर से उतारा है। मरांडी पिछली बार भी इस सीट से जीते थे। उनको चुनौती देने के लिए भाजपा ने डीएसपी का पद छोड़ने वाले नवनीत हेंब्रम को टिकट दिया है।

    10. बरहेट: सीएम हेमंत के सामने भाजपा के गमालियल
    बरहेट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीसरी बार मैदान में हैं। भाजपा ने आजसू से आये गमालियल हेंब्रम को प्रत्याशी बनाया है। बरहेट सीट हमेशा से झामुमो के कब्जे में रही है।

    11. महागामा: फिर दबदबा कायम करने में जुटी दीपिका
    महगामा से कैबिनेट मंत्री दीपिका पांडेय सिंह फिर से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। वहीं अशोक भगत भाजपा के उम्मीदवार हैं। 2014 में वह विधायक भी रहे और 2019 में उन्हें दीपिका पांडेय सिंह से हार का सामना करना पड़ा।

    12. बोरियो: लोबिन हेंब्रम इस बार भाजपा से
    बोरियो से इस बार भी लोबिन हेंब्रम मैदान में हैं, लेकिन उनका चुनाव चिह्न बदल गया है। वह इस बार भाजपा प्रत्याशी हैं। झामुमो ने धनंजय सोरेन पर विश्वास जताया है।

    13. लिट्टीपाड़ा: झामुमो के हेमलाल को बाबूधन की चुनौती
    लिट्टीपाड़ा सीट पर झामुमो ने इस बार हेमलाल मुर्मू पर भरोसा जताया है। मुर्मू झामुमो के दिग्गज नेता रहे हैं। एक बार झामुमो छोड़कर भाजपा में चले गये थे। पिछले चुनाव में साइमन के बेटे दिनेश विलियम मरांडी जीते थे। भाजपा ने यहां से बाबूधन मुर्मू को टिकट दिया है। वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

    14. नाला: विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो मैदान में
    नाला सीट से विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने माधव चंद्र महतो को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2009 में भाजपा से सत्यानंद झा जीते थे। माधव चंद्र पिछली बार आजसू से चुनाव लड़े थे।

    15. शिकारीपाड़ा: झामुमो के गढ़ में भाजपा का जोर
    झामुमो का गढ़ माने जाने वाली शिकारीपाड़ा सीट पर भाजपा सेंधमारी की कोशिश में है। इस सीट से नलिन सोरेन सात बार विधायक रहे। पहली बार दुमका से सांसद बने हैं। झामुमो ने उनके पुत्र आलोक कुमार सोरेन को टिकट दिया है। भाजपा ने एक बार फिर चार बार हारने वाले पारितोष सोरेन पर दांव खेला है। पारितोष सोरेन इस बार झामुमो के गढ़ में कमल खिलाने की कोशिश कर रहे हैं।

    16. राजमहल: हैट्रिक की कगार पर अनंत ओझा
    राजमहल सीट पर झामुमो के प्रत्याशी एमटी राजा हैं। एमटी राजा पिछली बार आजसू से लड़े थे। वह तीसरे स्थान पर थे। यहां के वर्तमान विधायक भाजपा के अनंत ओझा लगातार तीसरी बार मैदान में हैं।

    17. जामा: झामुमो की लुइस मरांडी को भाजपा के सुरेश दे रहे टक्कर
    जामा सीट 2009 से झामुमो के कब्जे में है। यहां से सीता सोरेन विधायक थीं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीता सोरेन भाजपा में चली गयी थी। दुमका सीट से एक बार जीतने वाली लुइस मरांडी का टिकट भाजपा ने काट दिया था। मरांडी ने झामुमो का दामन थाम लिया है। जामा में उनकी टक्कर सुरेश मुर्मू से है। भाजपा के सुरेश मुर्मू तीन बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं।

    18. सारठ: रणधीर सिंह को मिल रही कड़ी टक्कर
    सारठ का चुनाव रोमांचक हो गया है। चुन्ना सिंह के मैदान में आने से पूर्व मंत्री रणधीर सिंह को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दोनों की अपनी-अपनी ताकत है। उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह इस क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। झामुमो प्रत्याशी चुन्ना सिंह को पारंपरिक मतदाताओं के साथ पुराने समर्थकों पर भी पूरा भरोसा है।

    19. खिजरी: कांग्रेस के सामने सीट बचाने की चुनौती
    खिजरी सीट पर जमीनी मुद्दों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर की उम्मीद है। कांग्रेस ने फिर विधायक राजेश कच्छप पर दांव खेला है। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक रामकुमार पाहन हैं। दोनों जमीनी मुद्दों को लेकर जमीन तलाश रहे हैं।

    20. सिल्ली: त्रिकोणीय मुकाबले में सुदेश महतो
    सिल्ली विधानसभा सीट पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और झामुमो के अमित महतो की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं जेएलकेएम की ओर से देवेंद्र महतो के खड़ा होने से यहां अलग कोण बना है। 2014 के लोकसभा चुनाव में देवेंद्र महतो रांची सीट से चुनाव लड़ कर लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने।

    21. रामगढ़: आजसू के गढ़ में कांग्रेस की चुनौती
    कांग्रेस प्रत्याशी ममता और आजसू की सुनीता चौधरी के बीच रामगढ़ विधानसभा में सीधी टक्कर है। दो महिलाओं के बीच में जेकेएलएम प्रत्याशी पुनेश्वर कुमार भी दम लगा रहे हैं। राज्य गठन के बाद आजसू की यहां मजबूत पकड़ रही है। चंद्रप्रकाश चौधरी के सीट खाली करने के बाद कांग्रेस यहां से जीती थी।

    22. मांडू: जेपी पटेल के सामने तिवारी महतो
    मांडू में से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल मैदान पर हैं। पिछली बार वह भाजपा के टिकट से चुनाव जीते थे। 2014 का चुनाव वह झामुमो के टिकट से जीते थे। आजसू ने यहां से निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो को प्रत्याशी बनाया है। इस बार जेकेएलएम ने बिहारी कुमार को प्रत्याशी बनाया है।

    23. धनबाद: भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की टक्कर
    धनबाद भाजपा का गढ़ रहा है। इसलिए इंडिया गठबंधन के लिए इस सीट पर चुनाव जीतना बड़ी चुनौती है। भाजपा ने अपने पुराने चेहरे राज सिन्हा पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने अजय दुबे को मैदान में उतारा है।

    24. झरिया: दो परिवारों की बहुओं में टक्कर
    झरिया विधानसभा सीट दो परिवारों के राजनीतिक संघर्ष के बीच फंसी है। इस सीट पर दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा जुड़ी है। यहां से कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे पूर्णिमा नीरज सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं, भाजपा ने पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को फिर से मैदान में उतारा है।

    25. बाघमारा: ढुल्लू महतो के गढ़ में कांग्रेस की चुनौती
    बाघमारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है। यह सीट भाजपा के सांसद ढुल्लू महतो की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए खाता खोलने की चुनौती है। इस सीट से भाजपा सांसद ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस क्षेत्र के पुराने नेता जलेश्वर महतो को उम्मीदवार बनाया है। निर्दलीय प्रत्याशी रोहित यादव ने प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ा दी है।

    26. सिंदरी: भाजपा को भाकपा माले से चुनौती
    भाजपा को सिंदरी सीट बचाने के लिए भाकपा माले से कड़ी चुनौती मिल रही है। माले ने यहां से विधायक रहे आनंद महतो के पुत्र चंद्रदेव महतो को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने वर्तमान विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर जेकेएलएम ने उषा देवी को मैदान में उतारा है।

    27. निरसा: लाल झंडे के गढ़ में भगवा फहराने की चुनौती
    निरसा वामदलों का गढ़ रहा है। राज्य गठन के बाद अरूप चटर्जी ने मासस के सहारे यहां दो चुनाव जीता था। मोदी लहर यानी 2014 में भी यह सीट मासस के पास थी। वहीं, 2019 में यहां से भाजपा के टिकट से अपर्णा सेनगुप्ता चुनाव जीती थीं। वह 2005 में फॉरवर्ड ब्लॉक से भी विधायक रह चुकी हैं। इस सीट पर मासस का माले में विलय होने के बाद पार्टी ने अरूप चटर्जी को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने अपने पुराने चेहरे अपर्णा सेनगुप्ता पर भरोसा किया है।

    28. टुंडी: मथुरा महतो के सामने भाजपा
    टुंडी से झामुमो ने एक बार फिर अपने दिग्गज प्रत्याशी मथुरा महतो को उतारा है। यह झामुमो का मजबूत गढ़ रहा है। भाजपा ने विकास कुमार महतो पर भरोसा जताया है। वह एकदम नया चेहरा हैं। इधर, जेकेएलएम प्रत्याशी मोती लाल महतो के प्रदर्शन भी सबकी नजर है।

    29. गिरिडीह: सुदिव्य के सामने शाहाबादी का चैलेंज
    गिरिडीह से झामुमो ने सुदिव्य कुमार सोनू को मैदान में उतारा है। भाजपा ने पुराने चेहरे निर्भय कुमार शाहाबादी को मौका दिया है। यहां मुकाबला लंबे समय से सीधा रहा है।

    30. धनवार: बाबूलाल मरांडी के सामने झामुमो-माले
    धनवार सीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर है। वह लगातार दूसरी बार इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने झाविमो के टिकट से चुनाव जीता था। इस सीट पर झामुमो ने निजामुद्दीन और माले ने राज कुमार यादव को चुनाव मैदान में उतारा है।

    31. बगोदर: विनोद सिंह के सामने सीट बचाने की चुनौती
    बगोदर को माले का गढ़ माना जाता है। यहां पिछले 24 वर्ष में सिर्फ एक बार ही दूसरे दल के प्रत्याशी चुनाव जीत पाये हैं। 2014 में भाजपा के नागेंद्र महतो ने माले के विनोद सिंह को पराजित किया था। इस बार उसी नागेंद्र महतो को भाजपा ने उतारा है।

    32. जमुआ: केदार ने पाला बदला, तो सामने भाजपा की मंजू
    जमुआ के भाजपा विधायक केदार हाजरा ने 2024 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदल लिया। वहीं, भाजपा ने इस सीट पर चेहरा बदला है। मंजू देवी को भाजपा ने टिकट दिया, तो केदार हाजरा झामुमो में चले गये। यह सीट भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर में फंसी है। दोनों ही दलों के लिए साख वाली सीट रही है।

    33. गांडेय: कल्पना के सामने भाजपा की मुनिया
    गांडेय विधानसभा सीट से इस बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन चुनाव मैदान में हैं। झामुमो ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। वहीं, उनके खिलाफ भाजपा ने मुनिया देवी को चुनाव मैदान में उतारा है।

    34. बोकारो: बिरंची नारायण के सामने श्वेता
    बोकारो से भाजपा ने बिरंची नारायण को उम्मीदवार बनाया है। वह लगातार दो चुनाव से इस सीट से जीतते आ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से इलाके के दिग्गज नेता रहे स्व समरेश सिंह की बहू श्वेता सिंह को मैदान में उतारा है।

    35. चंदनकियारी: बाउरी के सामने झामुमो के उमाकांत
    चंदनकियारी से भाजपा विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी मैदान में हैं। वहीं आजसू कोटे से राज्य में मंत्री रहे उमाकांत रजक को झामुमो ने प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर मुकाबला बहुत ही दिलचस्प बताया जा रहा है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर जेकेएलएम ने भी उम्मीदवार उतारा है।

    36. डुमरी: दो महिलाओं के सामने जयराम
    डुमरी में मंत्री बेबी देवी की प्रतिष्ठा दांव पर है। झामुमो ने उन्हें एक बार फिर से प्रत्याशी बनाया है। आजसू ने यहां से यशोदा देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। जेएलकेएम के अध्यक्ष जयराम महतो के चुनाव मैदान में उतरने से यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं।

    37. गोमिया: लंबोदर महतो की अग्निपरीक्षा
    गोमिया सीट त्रिकोणीय संघर्ष में फंस गयी है। वर्तमान विधायक डॉ लंबोदर महतो आजसू से उम्मीदवार हैं। उनके सामने झामुमो और जेकेएलएम चुनौती बनकर खड़े हैं। झामुमो ने अपने पूर्व विधायक योगेंद्र महतो को मैदान में उतारा है। वहीं, जयराम महतो ने पूजा कुमारी को मौका दिया है। यहां हर दल एक दूसरे के वोट में जबरदस्त सेंधमारी कर रहे हैं।

    38. बेरमो: अनुप सिंह-रविंद्र पांडेय को जयराम का चैलेंज
    बेरमो सीट पर कांटे की टक्कर है। जयराम महतो इस सीट से भी जेकेएलएम के प्रत्याशी हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अनुप सिंह को अपनी राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है। गिरिडीह से सांसद रहे रवींद्र पांडेय को भाजपा ने यहां से अपना उम्मीदवार बनाकर नया दांव चला है।

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