रायपुर। छत्तीसगढ़ में रविवार सुबह एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) की संयुक्त टीमों ने आबकारी विभाग व डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले से जुड़े करीब 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सबसे बड़ी कार्रवाई रायपुर के रामा ग्रीन कॉलोनी में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास के आवास पर हुई, जहाँ अधिकारी सुबह 6 बजे से दस्तावेजों की छानबीन कर रहे हैं। इसके अलावा अमलीडीह स्थित ला विस्टा कॉलोनी में कारोबारी हरपाल अरोरा के घर भी छापा पड़ा; यहाँ से कुछ हार्ड ड्राइव व बेनामी प्रॉपर्टी के कागज़ मिले हैं। बिलासपुर में अशोक टूटेजा के ठिकाने पर भी टीम ने दबिश दी, जहाँ डीएमएफ फंड की रसीदें बरामद हुई हैं।
सरगुजा जोन में भी एक साथ कार्रवाई हुई। अंबिकापुर के सिविल लाइन इलाके में पशु चिकित्सक डॉ. तनवीर अहमद के क्लिनिक व आवास पर छापे के दौरान लाखों रुपये नकद और बिना बिल के मेडिकल उपकरण मिले। वहीं सप्लायर अमित अग्रवाल के गोदाम से आबकारी विभाग के लापता हुए सील व स्टीकर बरामद हुए हैं। कोंडागांव, कोरबा व जांजगीर-चाम्पा जिलों में भी आबकारी निरीक्षकों के घरों पर छापेमारी चल रही है, जहाँ से शराब ठेके की नकली परमिट व रॉयल्टी रसीदें मिली हैं।
गौरतलब है कि चुनावी वर्ष में शुरू हुए छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर गिरफ्तार हो चुके हैं। आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है। आज की कार्रवाई से संकेत मिलते हैं कि एजेंसियाँ ‘हाई प्रोफाइल लिंक’ तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं। एसीबी-ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम डिजिटल ट्रेल, बैंक खातों और ठेकों की नीलामी प्रक्रिया की जाँच कर रहे हैं; नए खुलासे जल्द सामने आएँगे।”
छापेमारी के दौरान कई जगह लोकल प्रशासन की मदद से बिजली और पानी की लाइन काटी गई ताकि दस्तावेज नष्ट न हों। अब तक मिले कागज़ातों को फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है और आयकर विभाग को भी शामिल किया गया है ताकि बेनामी संपत्तियों की कुंडली खोली जा सके।
Share.
Leave A Reply

Exit mobile version